RT-PCR टेस्ट में क्यों नहीं पकड़ आ रहा कोरोना? जानें कितना कारगर है रेमडेसिवीर इंजेक्शन
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दो मोर्चों पर लड़ने की जरूरत है
डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, इस वक्त देश में कोरोना की स्थिति गंभीर है। बेड्स, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की जरूरत और ज्यादा पड़नी है। ऐसे में दो मोर्चों पर लड़ना होगा। पहला हॉस्पिटल में बेड्स की संख्या बढ़ानी होगी और दूसरा कोरोना केस की संख्या कम करनी होगी।
टेस्टिंग, ट्रैकिंग पर देना होगा जोर
डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, अगर इस तरह केस बढ़ते रहे तो हेल्थ केयर सिस्टम मैनेज नहीं कर पाएगा। इसलिए टेस्टिंग, ट्रैकिंग पर जोर देना होगा।
रेमडेसिवीर इंजेक्शन पर क्या कहा?
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि रेमडेसिवीर इंजेक्शन को घर पर नहीं दिया जाना चाहिए। रेमडेसिवीर इंजेक्शन हॉस्पिटल में ही लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये इंजेक्शन हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले रोगियों के लिए है। अगर बिना जरूरत इस इंजेक्शन का इस्तेमाल किया गया तो नुकसान भी हो सकता है।
ऑक्सीजन की डिमांड क्यों बढ़ी?
ICMR के डायरेक्टर डॉक्टर वीके पॉल ने कहा, दूसरी लहर में ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत पड़ रही है। दूसरी लहर में वेंटिलेटर की भी ज्यादा जरूरत है। डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, 8-9 महीने से ऑक्सीजन के प्रोडक्शन को बढ़ाने का काम हो रहा है। वहीं वैक्सीनेशन पर गुलेरिया ने कहा कि इसका प्रोडक्शन तेजी से बढ़ रहा है। सप्लाई चेन को हर किसी को मेंटेन करना होगा। ताकि जहां डिमांड है वहां पर ज्यादा वैक्सीन पहुंचाई जा सके।
RT-PCR में क्यों नहीं पकड़ आ रहा कोरोना?
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, RT-PCR सिर्फ 80 प्रतिशत तक सही रिजल्ट देता है। 20 प्रतिशत ऐसे भी लोग हैं जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्होंने कहा कि स्वैब लेने की तकनीक पर भी ध्यान देना चाहिए। गुलेरिया ने कहा कि अगर आप में कोविड जैसे लक्षण दिखे तो आप मानकर चलिए कि संक्रमित हैं।