पीएम मोदी के लिए राजनीति क्या है? 7 सालों में उनके ये 7 कोट्स पूरी कहानी कहते हैं
पीएम मोदी ने 26 मई 2014 को पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। 2014 के आम चुनावों के नतीजे 16 मई 2014 को आए थे। तब भाजपा 282 सीट जीतकर आई थी। पीएम मोदी के शपथ के साथ ही देश को 15वां प्रधानमंत्री मिला था। आज इस बात को 7 साल हो गए। 7 साल में पीएम मोदी ने राजनीति को लेकर बहुत सी बातें कहीं हैं। आज उन्हीं में से कुछ चुनिंदा कोट्स को आपके सामने रखते हैं।

2014 का आम चुनाव खास इसलिए था, क्योंकि 30 साल बाद किसी पार्टी को बहुमत मिला था। भाजपा ने 282 सीटों पर जीत हासिल की थी।
'हम कठोर निर्णय लेने से कभी पीछे नहीं हटे। हमारे लिए राष्ट्र राजनीति से बढ़कर है।'
गुजरात मेरी आत्मा है और भारत मेरा परमात्मा। गुजरात की इस भूमि पर मैं पला-बढ़ा हूं। गुजरात ने मुझे शक्ति दी है।
अगर किसी को भारत का राजनीतिक इतिहास लिखना हो तो वह इसे चो रामास्वामी और उनकी राजनीतिक टिप्पणियों को शामिल किए बिना नहीं लिख सकता है। जो और तुगलक की एक-दूसरे के बिना कल्पना करना मुश्किल है।
किसी भी तरह की हिंसा पूरे राष्ट्र को शर्मिंदा करती है। मैं राज्य सरकारों से अपील करता हूं कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ ड़ी से कड़ी कार्रवाई करें।
लोकतंत्र कोई कॉन्ट्रैक्ट एग्रीमेंट नहीं, ये भागीदारी का काम, जनता-जनार्दन की ताकत बहुत होती है और उन पर जितना भरोसा होगा, उसके परिणाम देखने को मिलेंगे।
राजनीति गरीब को गरीब रखकर की जा सकती है। लेकिन गरीबी से मुक्ति केवल सशक्तिकरण से आ सकती है। हम गरीबी को समाप्त करने के लिए गरीब को सशक्त बना रहे हैं। जब गरीब सशक्त होते हैं तो वे गरीबी को कम करने के लिए सक्षम हो जाते हैं।
सरकार का केवल एक ही धर्म है- पहले भारत। सरकार की केवल एक ही धार्मिक पुस्तक है - संविधान। सरकार को केवल एक ही भक्ति करनी चाहिए- भारत भक्ति। सरकार की अकेली शक्ति जन शक्ति है। सरकार की अकेली रीती 125 करोड़ भारतीयों की सकुशल होना है। सरकार की केवल एक ही आचार संहिता होनी चाहिए- सबका साथ सबका विकास।