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रामायण बनाने वाले रामानंद सागर ने कभी सड़क पर बेची साबुन तो कभी बने चपरासी, बेटे ने सुनाई कहानी
| Published : Mar 08 2020, 09:15 PM IST / Updated: Mar 09 2020, 10:32 AM IST
रामायण बनाने वाले रामानंद सागर ने कभी सड़क पर बेची साबुन तो कभी बने चपरासी, बेटे ने सुनाई कहानी
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रामायण में कलाकारों को सीन समझाते हुए स्वर्गीय रामानंद सागर।
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शो के दौरान प्रेम सागर ने अपने पिता रामानंद साहब के बारे में बताते हुए कहा, ''इस किताब का नाम है- 'अन एपिक लाइक ऑफ रामानंद सागर फ्रॉम बरसात टू रामायण'। '1949 में पापाजी (रामानंद सागर) की सबसे पहली फिल्म बरसात थी। एक आदमी जिसने चपरासी का काम किया, सड़क पर साबुन बेचे, जर्नलिस्ट बने और मुनीम का काम किया। सोचिए कि वो आदमी एक दिन रामायण भी बना सकता है।'
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कपिल ने बताया कि शो में रामानंद सागर के पोते और प्रेम सागर के बेटे शिव सागर भी मौजूद हैं, जिन्होंने अपने दादा के जीवन और काम पर लिखी किताब के लिए रिसर्च की है। शिव सागर ने बताया कि इस किताब को लिखने में 3 साल का वक्त लगा। मैंने इस किताब के लिए रिसर्च की और पापा ने इसे लिखा।
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शिव सागर के मुताबिक, इस किताब में हमने दादाजी से जुड़े कई पुराने फोटोज और डॉक्यूमेंट्स के बारे में बताया है। इस किताब में ट्रेन के थर्ड क्लास के उस पास की फोटो भी है, जिसे वो मुंबई में देवानंद के साथ शेयर करते थे। इसके अलावा किताब में उनसे जुड़े कई किस्सों को शेयर किया गया है।
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बता दें कि दूरदर्शन पर 'रामायण' का प्रसारण 25 जनवरी 1987 में शुरू हुआ था और आखिरी एपिसोड 31 जुलाई 1988 को आया था। हाल ही में इसके प्रसारण को 33 साल पूरे हुए हैं।
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रामानंद सागर ने अपने करियर की शुरुआत 1932 में क्लैपर बॉय के तौर पर की थी। उस वक्त उनका सिर्फ एक ही काम था। सीन शुरू होने से पहले क्लैप बजाना। बंटवारे के बाद रामानंद सागर मुंबई आ गए। यहां उन्होंने पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थिएटर में असिस्टेंट स्टेज मैनेजर के तौर पर काम किया।
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इसके बाद रामानंद सागर ने राज कपूर की फिल्म 'बरसात' की कहानी और स्क्रीनप्ले लिखा। इसी के बाद उन्होंने अपनी टीवी प्रोडक्शन कंपनी खोली। सागर फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के तहत रामानंद सागर ने कई हिट फिल्में और सीरियल बनाए।
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80 के दशक में टीवी की दुनिया तेजी से फैल रही थी। उस वक्त दूरदर्शन ही मनोरंजन का एकमात्र साधन हुआ करता था। ऐसे में रामानंद सागर समझ गए थे कि आने वाले समय में टीवी का दबदबा बढ़ेगा और यहीं से अच्छी खासी सफलता पाई जा सकती है। इसके बाद उन्होंने विक्रम बेताल जैसा शो बनाया। बाद में उन्होंने 'रामायण' का निर्माण किया।