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Shardiya Navratri 2022 Bhajan: ये हैं माता रानी के ऑल टाइम हिट 10 भजन, सुनते ही झूमने लगते हैं भक्त

उज्जैन. शारदीय नवरात्रि (26 सितंबर से 4 अक्टूबर 2022) के दौरान हर कोई माता की भक्ति में डूब जाता है। इन दिनों चारों ओर माता के भजनों की धूम रहती है। चाहे गरबा पांडाल हो या कोई देवी मंदिर। सभी दूर माता के भजन (Mata Ke Bhajan) ही सुनने को मिलते हैं। माता के इन सुमधुर भजनों को सुनकर मन प्रफुल्लित हो जाता है। आज हम आपको माता के कुछ ऐसे भजनों के बारे में बता रहे हैं, जो ऑल टाइम हिट माने जाते हैं। आगे जानिए कौन-से हैं वो 10 भजन…  

14 Min read
Manish Meharele
Published : Sep 26 2022, 11:17 AM IST
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110

भजन- 1
मन लेके आया माता रानी के भवन में
बड़ा सुख पाया, बड़ा सुख पाया,
माती रानी के भवन में...
जय जय माँ, अम्बे माँ,
जय जय माँ, जगदम्बे माँ...
मैं जानू वैष्णव माता, 
तेरे ऊँचे भवन की माया,
भैरव पर क्रोध में आके 
माँ तूने त्रिशूल उठाया ।
वो पर्बत जहां पे तूने 
शक्ति का रूप दिखाया,
भक्तो ने वहीँ पे मैया 
तेरे नाम का भवन बनाया 
बड़ा सुख पाया, बड़ा सुख पाया,
माती रानी के भवन में...
तेरे तेज ने ज्वाला मैया 
जब उज्ज्यारा फैलाया,
शाह अकबर नंगे पैरों 
तेरे दरबार में आया ।
तेरी जगमग ज्योत के आगे, 
श्रद्धा से शीश झुकाया,
तेरे भवन की शोभा देखी, 
सोने का क्षत्र चढ़ाया॥
बड़ा सुख पाया, बड़ा सुख पाया,
माती रानी के भवन में...
हे चिंतपूर्णी माता, 
तेरी महिमा सबसे नयारी,
दिए भाईदास को दर्शन, 
तू भक्तो की है प्यारी ।
जो करे माँ तेरा चिंतन, 
तू चिंता हर दे सारी,
तेरे भवन से झोली भरके 
जाते हैं सभी पुजारी ॥
बड़ा सुख पाया, बड़ा सुख पाया,
माती रानी के भवन में...
माँ नैना देवी तूने 
यह नाम भगत से पाया,
नैना गुज्जर को तूने 
सपने में दरश दिखाया ।
आदेश पे तेरे उसने 
तेरा मंदिर बनवाया,
जीवन भर बैठ भवन में 
माँ तेरा ही गुण गया ॥
बड़ा सुख पाया, बड़ा सुख पाया,
माती रानी के भवन में...

210

अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी 
शारदा भवानी मोरी शारदा भवानी 
अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी 
ऊँची पहाड़िया पे मंदिर बनो है 
मंदिर में मैया के आसन लगो है 
आसन पे बैठी महारानी  मोरी शारदा भवानी 
अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी 
रोगी को काया दे निर्धन को माया 
बांझन पे किरपा ललन घर आया 
मोरी मैया शारद मैया बड़ी वरदानी 
अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी 
मैहर में ढुंढी डोंगरगढ़ में ढुंढी 
कलकत्ता कटरा जालंधर में ढुंढी 
विजराघव गढ़ देखनी मोरी शारदा भवानी 
अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी 
मैया को भार संभाले रे पंडा  
हाथो में जिनके भवानी के झंडा 
झेंडा पे बैठी महारानी मोरी शारदा भवानी 
अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी 
महिमा तुम्हारी भगत जोभी गाये 
हम भी तो मैया के चरणन में आये 
करदो मधुर मोरी वाणी मोरी शारदा भवानी 
अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी
 

310

पंखिड़ा ओ पंखिड़ा पंखिड़ा ओ पंखिड़ा
पंखिड़ा तु उड़ ने जाना पावागढ़ रे
महाकाली से मिलके कहना गरबा खेलेंगे
म्हारी महाकाली से जईने कीजो गरबो रमे रे
म्हारा गाँव का सुतार भाई बेगा आवो रे
म्हारी महाकाली केलिये सुंदर बाजोट लाओ रे
अच्छा लाओ सुंदर लाओ जल्दी आओ रे
महाकाली से मिलके कहना गरबा खेलेंगे
पंखिड़ा ओ पंखिड़ा पंखिड़ा ओ पंखिड़ा
म्हारा गाँव का बजाज भाई जल्दी आवो रे
म्हारी महाकाली के लिये सुंदर चुँदडी लाओ रे
अच्छी लाओ सुंदर लाओ जल्दी आओ रे
महाकाली से मिलके कहना गरबा खेलेंगे
पंखिड़ा ओ पंखिड़ा पंखिड़ा ओ पंखिड़ा
म्हारा गाँव का लीलहार भाई बेगा आवो रे
म्हारी महाकाली केलिये सुंदर चुड़िया लाओ रे
अच्छी लाओ सुंदर लाओ जल्दी आओ रे
महाकाली से मिलके कहना गरबा खेलेंगे
पंखिड़ा ओ पंखिड़ा पंखिड़ा ओ पंखिड़ा
म्हारा गाँव का सुनार भाई जल्दी आवो रे
म्हारी महाकाली के लिये सुंदर पायल लाओ रे
अच्छी लाओ सुंदर लाओ जल्दी आओ रे
महाकाली से मिलके कहना गरबा खेलेंगे
पंखिड़ा ओ पंखिड़ा पंखिड़ा ओ पंखिड़ा
म्हारा गाँव का कुम्हार भाई बेगा आवो रे
म्हारी महाकाली के लिये सुंदर गरबा लाओ रे
अच्छा लाओ सुंदर लाओ जल्दी आओ रे
महाकाली से मिलके कहना गरबा खेलेंगे
पंखिड़ा ओ पंखिड़ा पंखिड़ा ओ पंखिड़ा
पंखिड़ा ओ पंखिड़ा पंखिड़ा ओ पंखिड़ा
पंखिड़ा तु उड़ ने जाना पावागढ़ रे
महाकाली से मिलके कहना गरबा खेलेंगे
म्हारी महाकाली से जईने कीजो गरबो रमे रे
पंखिड़ा ओ पंखिड़ा पंखिड़ा ओ पंखिड़ा
 

410

जय जय शेरांवाली माँ
जय जय मेहरांवाली माँ
जय जय ज्योतांवाली माँ
जय जय लाटांवाली माँ
जयकारा शेरांवाली दा
बोल सांचे दरबार की जय 
धरती गगन में होती है तेरी जय जयकार, हो मैया
ऊँचे भवन में होती है तेरी जय जयकार
हो मैया, धरती गगन में होती है
तेरी जय जयकार
हो मैया, ऊँचे भवन में होती है
तेरी जय जयकार
दुनिया तेरा नाम जापे
हो दुनिया तेरा नाम जापे
तुझको पूजे संसार
हो मैया, धरती गगन में होती है
तेरी जय जयकार
हो मैया, ऊँचे भवन में होती है
तेरी जय जयकार
सरस्वती महालक्ष्मी काली तीनों की तू प्यारी
गुफा के अंदर तेरा मंदिर, तेरी महिमा न्यारी
शिव की जटा से निकली गंगा, आई शरण तिहारी
आदिशक्ति आद भवानी, तेरी शेर सवारी
हे अम्बे, हे माँ जगदम्बे करना तू इतना उपकार
आये हैं तेरे चरणों में देना हमको प्यार
धरती गगन में होती है तेरी जय जयकार, हो मैया
ऊँचे भवन में होती है तेरी जय जयकार
हो मैया, धरती गगन में होती है
तेरी जय जयकार
हो मैया, ऊँचे भवन में होती है
तेरी जय जयकार
ब्रह्मा विष्णु महेश भी तेरे आगे शीश झुकायें
सूरज चाँद सितारे तुझसे उजियारा ले जायें
देव लोक के देव भी मैया, तेरे ही गुण गायें
मानव करे जो तेरी भक्ति, भव सागर तर जायें
हे अम्बे, हे माँ जगदम्बे करना तू इतना उपकार
आये हैं तेरे चरणों में देना हमको प्यार
हो मैया, धरती गगन में होती है तेरी जय जयकार
हो मैया, ऊँचे भवन में होती है तेरी जय जयकार
हो मैया, धरती गगन में होती है
तेरी जय जयकार
हो मैया, ऊँचे भवन में होती है
तेरी जय जयकार
दुनिया तेरा नाम जापे
हो दुनिया तेरा नाम जापे
तुझको पूजे संसार
हो मैया, धरती गगन में होती है तेरी जय जयकार
हो मैया, ऊँचे भवन में होती है तेरी जय जयकार

510

रंगरेजिया रंग दे रे मैया की चुनरिया,
रंग ऐसा रंग देखे सारी रे नगरीया,
रँगरेजिया रंग दे रे मैया की चुनरिया।।
नौ रंग रंगो वाली रंग दे किनारी,
ओढ़ के मैया रानी लागे रे प्यारी,
चुनर वैसी ले मैं जाऊं माँ की दुअरिया,
रँगरेजिया रंग दे रे मैया की चुनरिया,
रंग ऐसा रंग देखे सारी रे नगरीया,
रँगरेजिया रंग दे रे मैया की चुनरिया।।
कहते है लाल रंग मैया जी को भाए,
लाल लाल फुलवा केसर रंग दे चढ़ाए,
दुल्हन सी लागे मोरी माई की मुरतिया,
रँगरेजिया रंग दे रे मैया की चुनरिया,
रंग ऐसा रंग देखे सारी रे नगरीया,
रँगरेजिया रंग दे रे मैया की चुनरिया।।
झिलमिल सितारों वाले टका देना बूटे,
भक्ति रंग ऐसो रंग जो छुटाये ना छुटे,
बेनाम की रंग जाए सारी रे उमरिया,
रँगरेजिया रंग दे रे मैया की चुनरिया,
रंग ऐसा रंग देखे सारी रे नगरीया,
रँगरेजिया रंग दे रे मैया की चुनरिया।।
रंगरेजिया रंग दे रे मैया की चुनरिया,
रंग ऐसा रंग देखे सारी रे नगरीया,
रँगरेजिया रंग दे रे मैया की चुनरिया।।
 

610

कालो की काल महाकाली 
भवानी माई कलकत्ता वाली 
कलकत्ता वाली भवानी माई काली 
महिमा तुम्हारी निराली 
भवानी माई कलकत्ता वाली 
हे अंगारों जैसे नयन लाल लाल
अधरों की लाली गले मुंड माल
जा लम्बी जीभ न काली 
भवानी माई कलकत्ता वाली 
आगे है हनुमत जी झंडा संभाले 
पीछे कुबेर संग भैरव मतवाले 
अरे बिच में विकराल रूप वाली 
भवानी माई कलकत्ता वाली 
दानव दलन करे दुष्टों को मारे 
काली की शक्ति जगत जन के तारे 
अरे हाथो में भारी भुजाली 
भवानी माई कलकत्ता वाली 
काली की शक्ति को जिसने भी जाना 
मौनी दीवाना हुआ उसका जमाना 
दुष्टों से जगत करो खाली 
भवानी माई कलकत्ता वाली 
कालो की काल महाकाली 
भवानी माई कलकत्ता वाली 
कलकत्ता वाली भवानी माई काली 
महिमा तुम्हारी निराली 
भवानी माई कलकत्ता वाली 
 

710

भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे,
हो रही जय जय कार मंदिर विच,
आरती जय माँ,
हे दरबारा वाली आरती जय माँ,
है पहाड़ा वाली आरती जय माँ ||
काहे दी मैया तेरी आरती बनावा,
काहे दी पावां विच बाती,
मंदिर विच आरती जय माँ,
तू हे चोलेयाँ वाली आरती जय माँ,
हे माँ पहाड़ा वाली आरती जय माँ ||
सर्व सोने दी आरती बनावा,
अगर कपूर पावां बाती,
मंदिर विच आरती जय माँ,
हे माँ पिंडी रानी आरती जय माँ,
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ||
कौन सुहागन दिवा बालेया मेरी मैया,
कौन जागेगा सारी रात,
मंदिर विच आरती जय माँ,
सच्चिया ज्योतां वाली आरती जय माँ,
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ||
सर्व सुहागिन दिवा बलिया मेरी अम्बे,
ज्योत जागेगी सारी रात,
मंदिर विच आरती जय माँ,
हे माँ त्रिकुटा रानी आरती जय माँ,
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ||
जुग जुग जीवे तेरा जम्मुए दा राजा,
जिस तेरा भवन बनाया,
मंदिर विच आरती जय माँ,
हे मेरी अम्बे रानी आरती जय माँ,
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ||
सिमर चरण तेरा ध्यानु यश गावे,
जो ध्यावे सो, यो फल पावे,
रख बाणे दी लाज,
मंदिर विच आरती जय माँ,
सोहने मंदिरां वाली आरती जय माँ ||
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे,
हो रही जय जय कार मंदिर विच,
आरती जय माँ,
हे दरबारा वाली आरती जय माँ,
है पहाड़ा वाली आरती जय माँ ||
 

810

दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ,
जय बोलो जय माता दी, जय हो,
जो भी दर पे आए, जय हो,
वो खाली ना जाए, जय हो |
सबके काम है करती, जय हो,
सबके दुखड़े हरती, जय हो,
मैया मेरी शेरोवाली, जय हो,
भर दे झोली खाली, जय हो,
मैया मेरी शेरोवाली, जय हो,
भर दे झोली खाली जय हो ||
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ,
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ ||
पूरे करे अरमान जो सारे,
देती है वरदान जो सारे,
अम्बे (देती है वरदान जो सारे)
ज्योतावालिये (देती है वरदान जो सारे),
देती है वरदान जो सारे,
दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ,
दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ ||
लाटांवलिये, मेहरांवालिये ||
सारे जग को खेल खिलाए,
सारे जग को खेल खिलाये
बिछड़ों को जो खूब मिलाए,
बिछड़ों को जो खूब मिलाये
दुर्गे मेरिए जानिये,
बिछड़ों को जो खूब मिलाये ||
दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ
दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ
शेरोंवालिये, दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ
ज्योतांवालिये, दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ
ऊँचे मंदिरां वालिये, दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ
शेरोंवालिये ||
जैकारा शेरोवाली का
बोल सांचे दरबार की जय
दुर्गा है मेरी माँ, अंम्बे है मेरी माँ
दुर्गा है मेरी माँ, अंम्बे है मेरी माँ ||
ओ बोलो जय माता की, जय हो
ओ बोलो जय माता की, जय हो
जो भी दर पे आये, जय हो
वो खली न जाये, जय हो ||
सब के काम हैं करती, जय हो
सब के दुख ये हरति, जय हो
ओ मैया शेरांवाली, जय हो
भर दो झोली खली, जय हो
दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ
दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ ||
मेरी माँ शेरोंवाली
पुरे करे अरमान जो सरे
पुरे करे अरमान जो सारे,
देती है वरदान जो सारे,
देती है वरदान जो सारे,
अंम्बे ज्योतां वालिये ||
देती है वरदान जो सरे
दुर्गा है मेरी माँ, अंम्बे है मेरी माँ
दुर्गा है मेरी माँ, अंम्बे है मेरी माँ,
लाटावालिये मेहरांवलिये ||
सारे जग को खेल खिलाये
सारे जग को खेल खिलाये,
भिछडों को जो खूब मिलाये
भिछडों को जो खूब मिलाये,
दुर्गे मेहरांवलिये
भिछडों को जो खूब मिलाये ||
दुर्गा है मेरी माँ, अंम्बे है मेरी माँ,
दुर्गा है मेरी माँ, अंम्बे है मेरी माँ
दुर्गा है मेरी माँ, अंम्बे है मेरी माँ ||
दुर्गा है मेरी माँ, अंम्बे है मेरी माँ,
दुर्गा है मेरी माँ, अंम्बे है मेरी माँ
दुर्गा है मेरी माँ, अंम्बे है मेरी माँ ||
 

910

मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता |
मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता ||
मेरी बिगड़ी माँ ने बनायीं,
सोयी तकदीर जगाई |
ये बात ना सुनी सुनाई,
मैं खुद बीती बतलाता रे,
इतना दिया मेरी माता |
मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता ||
मान मिला सम्मान मिला,
गुणवान मुझे संतान मिली |
धन धान मिला, नित ध्यान मिला,
माँ से ही मुझे पहचान मिली ||
घरबार दिया मुझे माँ ने,
बेशुमार दिया मुझे माँ ने,
हर बार दिया मुझे माँ ने,
जब जब मैं मागने जाता,
मुझे इतना दिया मेरी माता ||
मेरी झोली छोटी पढ़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता |
मेरी झोली छोटी पढ़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता ||
मेरा रोग कटा मेरा कष्ट मिटा,
हर संकट माँ ने दूर किया,
भूले से जो कभी गुरुर किया,
मेरे अभिमान को चूर किया ||
मेरे अंग संग हुई सहाई,
भटके को राह दिखाई,
क्या लीला माँ ने रचाई |
मैं कुछ भी समझ ना पाता,
इतना दिया मेरी माता ||
मेरी झोली छोटी पढ़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता |
मेरी झोली छोटी पढ़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता ||
उपकार करे भव पार करे,
सपने सब के साकार करे,
ना देर करे माँ मेहर करे |
भक्तो के सदा भंडार भरे,
महिमा निराली माँ की,
दुनिया है सवाली माँ की ||
जो लगन लगा ले माँ की,
मुश्किल में नहीं घबराता रे,
मुझे इतना दिया मेरी माता ||
मेरी झोली छोटी पढ़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता |
मेरी झोली छोटी पढ़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता ||
कर कोई यतन ऐ चंचल मन,
तूँ होके मगन चल माँ के भवन |
पा जाये नैयन पावन दर्शन,
हो जाये सफल फिर ये जीवन ||
तू थाम ले माँ का दामन,
ना चिंता रहे ना उलझन,
दिन रात मनन कर सुमिरन |
जा कर माँ कहलाता,
मुझे इतना दिया मेरी माता ||
मेरी झोली छोटी पढ़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता |
मेरी झोली छोटी पढ़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता ||
 

1010

मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ,
दर्शन करने मइया के दरबार आया हूँ ।
ऐ लाल चुनरिया वाली बेटी ये तो बताओ माँ के भवन जाने का रास्ता
किधर से है इधर से है या उधर से
सुन रे भक्त परदेशी, इतनी जल्दी है कैसी
अरे जरा घूम लो फिर, लो रौनक देखो कटरा की
जाओ तुम वहां जाओ, पहले पर्ची कटाओ
ध्यान मैया का धरो, इक जैकारा लगाओ
चले भक्तों की टोली, संग तुम मिल जाओ,
तुम्हे रास्ता दिखा दूँ, मेरे पीछे चले आओ
ये है दर्शनी डयोढ़ी, दर्शन पहला है ये
करो यात्रा शुरू तो जय माता दी कह
यहाँ तलक तो लायी बेटी आगे भी ले जाओ न
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ...
इतना शीतल जल ये कौन सा स्थान है बेटी
ये है बाणगंगा, पानी अमृत समान,
होता तन मन पावन, करो यहाँ रे स्नान
माथा मंदिर में टेको, करो आगे प्रस्थान,
चरण पादुका वो आई, जाने महिमा जहान
मैया जग कल्याणी माफ़ करना मेरी भूल,
मैंने माथे पे लगाई तेरी चरणों की धूल
अरे यहाँ तलक तो लायी बेटी आगे भी ले जाओ न
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ...
ये हम कहा आ पहुंचे ये कौन सा स्थान है बेटी
ये है आदि कुवारी महिमा है इसकी भारी
गर्भजून वो गुफा है, कथा है जिसकी न्यारी
भैरों जती इक जोगी, मास मदिरा आहारी,
लेने माँ की परीक्षा बात उसने विचारी
मास और मधु मांगे मति उसकी थी मारी
हुई अंतर्ध्यान माता, आया पीछे दुराचारी
नौ महीने इसी मे रही मैया अवतारी
इसे गुफा गर्भजून जाने दुनिया ये सारी
और गुफा से निकलकर माता वैष्णो रानी ऊपर पावन गुफा में पिंडी रूप मे प्रकट हुई
धन्य धन्य मेरी माता, धन्य तेरी शक्ति
मिलती पापों से मुक्ति करके तेरी भक्ति
यहाँ तलक तो लायी बेटी आगे भी ले जाओ न
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ...
ओह मेरी मइया इतनी कठिन चढ़ाई ये कौन सा स्थान है बेटी
देखो ऊँचे वो पहाड़ और गहरी ये खाई
जरा चढ़ना संभल के हाथी मत्थे की चढ़ाई
टेढ़े मेढ़े रस्ते है, पर डरना न भाई
देखो सामने वो देखो सांझी छत की दिखाई
परदेशी यहाँ कुछ खा लो पी, थोडा आराम कर लो लो बस थोड़ी यात्रा और बाकी है
ऐसा लगता है मुझको मुकाम आ गया
माता वैष्णो का निकट ही धाम आ गया
यहाँ तलक तो लायी बेटी आगे भी ले जाओ न
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ...
वाह क्या सुन्दर नज़ारा आखिर हम माँ के भवन पहुंच ही गए न
ये पावन गुफा किधर है बेटी
देखो सामने गुफा है मैया रानी का दुआरा
माता वैष्णो ने यहाँ रूप पिण्डियों का धारा
चलो गंगा में नहा लो थाली पूजा की सजा लो
लेके लाल लाल चुनरी अपने सर पे बंधवा लो
जाके सिंदूरी गुफा में माँ के दर्शन पा लो
बिन मांगे ही यहाँ से मन इच्छा फल पा लो
आज तुमने सरल पे उपकार कर दिया
दामन खुशियों से आनंद से भर दिया
भेज बुलावा अगले बरस भी परदेशी को बुलाओ माँ
हर साल आऊंगा जैसे इस बार आया हूँ
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ...
 

About the Author

MM
Manish Meharele
मनीष मेहरेले। मीडिया जगत में इनके पास 19 साल से ज्यादा का अनुभव है। वर्तमान समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर धर्म-आध्यात्म बीट पर काम कर रहे हैं। करियर की शुरुआत इन्होंने स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की थी। इसके बाद वह दैनिक भास्कर प्रिंट उज्जैन में वाणिज्य डेस्क प्रभारी रहे और 2010-2019 तक दैनिक भास्कर डिजिटल में धर्म डेस्क पर काम किया। इन्हें महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। इनके पास जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक की डिग्री है।

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