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जेल से रिहा होगी एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी, शादी के चौथे दिन ही पुलिस ने भेज दिया था जेल
कानपुर(Uttar Pradesh). देश के बहुचर्चित कानपुर के बिकरु कांड में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद बौखलाई यूपी पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में है। पुलिस ने 2-3 जुलाई की रात हुई इस सनसनीखेज वारदात के अगले ही दिन विकास दुबे के राइट हैंड कहे जाने वाले अमर दुबे की नवविवाहिता पत्नी खुशी और विधवा मां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसके बाद 8 जुलाई को पुलिस ने अमर दुबे को हमीरपुर के मौदहा में एनकाउंटर में मार गिराया था। लेकिन अमर दुबे की नवविवाहिता अभी भी जेल में है। इसको लेकर तमाम लोगों ने पुलिस से सवाल किया था कि आखिर 3 दिन की नवविवाहिता का भला इस मामले में क्या दोष हो सकता है। सोशल मीडिया पर यूपी पुलिस की इसको लेकर खूब फजीहत हो रही थी। मामला सुर्खियों में आने के बाद कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने SSP दिनेश कुमार को जांच करके अमर दुबे की पत्नी को रिहा कराने के आदेश दे दिए हैं।
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पुलिस सूत्रों की मानें तो सोमवार को कोर्ट खुलते ही 169 की रिपोर्ट भेजी जाएगी। SSP कानपुर दिनेश कुमार पी ने मामले के विवेचक को 169 की रिपोर्ट भेज कर अमर दुबे की पत्नी खुशी को जेल से रिहा कराने के आदेश दिए हैं।
मामले में अमर दुबे की दादी सर्वेश्वरी देवी ने सवाल उठाया था कि 3 दिन पहले ब्याह कर उनके घर आई खुशी को पुलिस ने आरोपी बनाकर जेल भेज दिया, जबकि मामले के मुख्य आरोपी विकास दुबे की पत्नी ऋचा को क्लीन चिट चिट दे दी गई। ऐसे में पुलिस की दोहरी नीति क्यों?
बताया जा रहा है कि खुशी और अमर का फेसबुक के माध्यम से परिचय हुआ। गांव के लोगों की मानें तो कि शादी खुशी के माता-पिता की मर्जी के खिलाफ हुई थी। लोगों का ये भी कहना है कि खुशी भी इस शादी को लेकर तैयार नहीं थी लेकिन उसे जबरदस्ती शादी के लिए लाया गया।
ग्रामीणों की माने तो खुशी को उसके परिवार के साथ डरा धमकाकर बिकरू बुलाया गया था, वह कल्यानपुर की रहने वाली है। बताया जा रहा है कि विकास दुबे के जिस घर को पुलिस ने ढहा दिया उसी घर के अहाते में अमर और खुशी की शादी कराई गई थी।
बिकरू कांड में मुख्य आरोपी समेत 6 लोग पुलिस एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। विकास को मध्य प्रदेश पुलिस ने उज्जैन से गिरफ्तार किया था। वहां से वापस लेकर आते समय यूपी एसटीएफ की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिसके बाद गैंगस्टर विकास दुबे ने एक दारोगा की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की, उसने पुलिस पर फायरिंग भी की जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया था।