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अयोध्या के छठें दीपोत्सव में टूटा वर्ल्ड रिकॉर्ड, सरयू तट पर जगमगाए 15 लाख से ज्यादा दीये, देंखे तस्वीरें
अयोध्या: रामनगरी में दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंचे। हेलीपैड पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। यहां से वह रामलला के दर्शन के लिए रवाना हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला विराजमान का दर्शन-पूजन करने के बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र पहुंचे। पीएम मोदी ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र पहुंचकर अधिकारियों से राम मंदिर निर्माण की प्रगति के संबंध में जानकारी ली।
| Published : Oct 23 2022, 08:28 PM IST / Updated: Oct 23 2022, 08:37 PM IST
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अयोध्या में दिवाली की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान राम की आरती की। पीएम मोदी ने दीपोत्सव के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भगवान राम की कर्तव्य परायणता की चर्चा की और कहा कि जब देश में राष्ट्र प्रेम में की भावना बलवती होती है, तभी वह राष्ट्र नई ऊंचाई को छू पाता है।
रामलला का दर्शन करने के बाद पीएम मोदी ने राम मंदिर के नक्शे को देखा और जानकारी ली। पीएम मोदी ने निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया। पीएम मोदी को जानकारी देने के लिए एक गैलरी का निर्माण किया गया था जिसके जरिए उन्हें जानकारी दी गई। पीएम मोदी ने कहा कि एक समय वो भी था जब हमारे ही देश में श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाए जाते थे। इसका नतीजा यह हुआ कि हमारे देश के धार्मिक स्थलों का विकास पीछे छूट गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत जय श्री राम के नारे के साथ की और सभी को दीपावली की हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि श्री रामलला के दर्शन और उसके बाद राजा राम का अभिषेक, ये सौभाग्य रामजी की कृपा से ही मिलता है। जब श्रीराम का अभिषेक होता है तो हमारे भीतर भगवान राम के आदर्श, मूल्य और दृढ़ हो जाते हैं। आगे कहते है कि हमारी सरकार अयोध्या के साथ ही अन्य उपेक्षित धार्मिक स्थलों को सजाने, संवारने का कार्य कर रही है।
रामलला का दर्शन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के नक्शे को देखा और जानकारी ली। पीएम मोदी ने निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया। पीएम मोदी को जानकारी देने के लिए एक गैलरी का निर्माण किया गया था जिसके जरिए उन्हें जानकारी दी गई। पीएम मोदी ने कहा कि भगवान राम का जीवन बताता है कि हमारे अधिकार हमारे कर्तव्य तो स्वंयसिद्ध हो जाते हैं। श्रीराम ने अपने जीवन के कर्तव्यों पर सबसे ज्यादा जोर दिया। उन्होंने वन में रहकर साधुओं की संगत की। एक समय वह भी था जब हमारे ही देश के लोग श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाते थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भगवान राम, मर्यादापुरुषोत्तम कहे जाते हैं। मर्यादा, मान रखना भी सिखाती है और मान देना भीऔर मर्यादा, जिस बोध की आग्रह होती है, वो बोध कर्तव्य ही है। राम किसी को पीछे नहीं छोड़ते। राम कर्तव्य-भावना से मुख नहीं मोड़ते। इसलिए, राम, भारत की उस भावना के प्रतीक हैं, जो मानती है कि हमारे अधिकार हमारे कर्तव्यों से स्वयं सिद्ध हो जाते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि लाल किले से सभी देशवासियों से पंच प्राणों को आत्मसात करने का आह्वान मैंने(पीएम मोदी) ने किया। इस पंच प्राणों की ऊर्जा जिस एक तत्व से जुड़ी हुई है वो इस भारत के नागरिकों का कर्तव्य है। अयोध्या नगर में दीपोत्सव के इस पावन अवसर पर हमें अपने संकल्प को दोहराना है, श्री राम से सीखना है। अयोध्या के लोगों की जिम्मेदारी आने वाले दिनों में बढ़ने जा रही है। देश और दुनिया के अलग-अलग कोनों से यहां आएंगे। इसलिए आपकी जिम्मेदारी और भी बढ़ेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि हम उस सभ्यता और संस्कृति के वाहक हैं, पर्व और उत्सव जिनके जीवन के सहज-स्वाभाविक हिस्सा रहे हैं। दीपावली का दीपक हमारे लिए केवल एक वस्तु नहीं है। ये भारत के आदर्शों, मूल्यों और दर्शन के जीवंत ऊर्जापुंज हैं। पीएम मोदी ने कहा कि 'जगत प्रकास्य प्रकासक रामू' अर्थात- भगवान राम पूरे विश्व को प्रकाश देने वाले हैं। वो पूरे विश्व के लिए एक ज्योतिपुंज की तरह हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आज अयोध्या जी, दीपों से दिव्य हैं, भावनाओं से दिव्य हैं। आज अयोध्या नगरी, भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के स्वर्णिम अध्याय का प्रतिबंब है।
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में भगवान राम जैसी संकल्प शक्ति, देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी। भगवान राम ने अपने वचन में, अपने विचारों में, अपने शासन में, अपने प्रशासन में जिन मूल्यों को गढ़ा, वो सबका साथ-सबका विकास की प्रेरणा हैं और सबका विश्वास-सबका प्रयास का आधार हैं। मोदी अयोध्यावासियों से कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के साथ ही आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ जाएगी। ऐसे में अयोध्या स्वच्छ और यहां के लोगों का व्यवहार अच्छा हो। यह यहां के लोगों को तय करना है।