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Defence Expo 2020: इस तरह पूरी दुनिया को ताकत दिखाएगा भारत, देखिए 10 तस्वीरें
| Published : Feb 05 2020, 07:59 PM IST / Updated: Feb 05 2020, 08:04 PM IST
Defence Expo 2020: इस तरह पूरी दुनिया को ताकत दिखाएगा भारत, देखिए 10 तस्वीरें
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एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड) ने दुनिया के सबसे हल्के लड़ाकू विमान को बनाया है। एयरक्राफ्ट कैरियर पर मिग 29 की जगह तेजस को तैनात करने की तैयारी है। पिछले दिनों एयरक्राफ्ट कैरियर पर तेजस ने अरेस्ट लैंडिंग कर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया था।
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राफेल विमान की खासियत है कि यह ऊंचे इलाकों में भी लड़ने में माहिर है। राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। यह अधिकतम 24,500 किलोग्राम का भार उठाकर उड़ने में सक्षम है। इसकी अधिकतम रफ्तार 2200 से 2500 किमी. प्रतिघंटा है और इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है। ऑप्ट्रॉनिक सिक्योर फ्रंटल इंफ्रारेड सर्च और ट्रैक सिस्टम से लैस इस विमान में एमबीडीए एमआइसीए, एमबीडीए मेटेओर और एमबीडीए अपाचे जैसी कई तरह की खतरनाक मिसाइलें और गन लगी होती हैं, जो पल भर में दुश्मनों को मिट्टी में मिला सकती है।
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यह दुनिया की इकलौती सुपरसोनिक मिसाइल है, जो सबमरीन, युद्धपोत, लड़ाकू विमान और जमीन पर लांचिंग पैड से फायर की जा सकती है। मेक इन इंडिया के तहत रूस के साथ मिलकर भारत ने ब्रह्मोस को विकसित किया है।
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अल्ट्रालाइट होवित्जर गन धनुष को पिछले साल दीपावली पर ही भारतीय सेना में शामिल किया गया। यह 155/45 एमएम आर्टीलरी गन 38 किलोमीटर तक एक मिनट में चार राउंड फायर कर सकती है। इसे दुनिया की सबसे मारक आर्टीलरी गन में से एक माना जा रहा है।
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हिंदुस्तान शिपयार्ड लि. विशाखापट्टनम का पांच मीटर पानी तक में उतरकर निगरानी करने वाला पेट्रोलिंग वेसेल समुद्र में इकोनोमिक जोन में एंटी स्मगलिंग, कोस्टल क्षेत्र की निगरानी, मछुआरों की सुरक्षा में भारत की मजबूती को प्रदर्शित करेगा।
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एचएएल ने अब तक ऐसे तीन लाइट यूटीलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) बनाए हैं। एक हेलीकॉप्टर को डिफेंस एक्सपो के फ्लाई पास्ट में शामिल किया गया है। इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल सर्च एंड रेस्क्यू में होता है।
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बीएमपी असल में रूसी रक्षा प्रणाली है। जिसे इंफेंट्री कॉम्बैट व्हीकल और बीएमपी भी कहते हैं, जो एंफीबियस कैटेगरी का है यानी सतह और पानी दोनों पर चल सकता है।
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डीआरडीओ ने स्वदेशी तकनीक से चार क्रू वाले अर्जुन टैंक को तैयार किया है। यह टैंक अधिकतम 70 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ सकता है। इसकी 120 एमएम गन एक मिनट में छह राउंड तक फायर कर सकती है।
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आवाज से ही लड़ाकू विमान उड़ाने की तकनीक विकसित कर ली गई है। एचएएल ने वॉयस एक्टिविटेड कमांड सिस्टम वाले सुखोई एसयू 30 विमान की कॉकपिट बनाई है। इस प्रोटोटाइप की सफल टेस्टिंग भी पूरी कर ली है।
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अंतरिक्ष में दुश्मन के सेटेलाइट को मार गिराने वाली डीआरडीओ की यह एंटी सेटेलाइट मिसाइल है। भारत यह तकनीक हासिल करने वाला चौथा देश बन गया है। एक्सपो में दुनिया भर की सबसे अधिक नजर ए-सेट पर ही होगी।