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कुशीनगर हादसा: एक साथ जली 13 चिताएं-धुएं से काला हो गया आसमान, रोते-बिलखते लोग बोले- क्या कर दिया भगवान
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गुरुवार की दोपहर कुशीनगर के पनिहवा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान हजारों लोग मौजूद थे। कहा जा रहा है कि करीब एक लाख लोग अंतिम संस्कार के समय मौजूद थे।
गांववालों ने अपनी जिंदगी में ऐसा मंजर पहली बार देखा। अर्थियों की लाइन लगी हुई थी। क्या आदमी और क्या महिलाएं, सबकी आंखों से आंसू झर रहे थे। इस दौरान महिलाओं और बच्चों का बहुत बुरा हाल था।
उधर, पुलिस अपनी रेस्क्यू टीम के साथ कुएं से पानी निकालकर तलाशी करती रही, ताकि कोई और लाश कुएं में रहने की आशंका न रहे। जब अर्थियां निकल रही थीं, तब लोगों में आक्रोश भी देखा गया।
आक्रोशित लोगों को समझाने पुलिस अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। गांववालों का आरोप है कि लोग लगातार एंबुलेंस को फोन करते रहे, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। बाद में प्राइवेट जीप और गाड़ियों में भरकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।
श्मशान घाट पर इस हृदयविदारक सीन को देख लोगों की आंखें भर आईं। जिनके परिवार की बच्चियों और महिलाओं की मौत हुई उनका रो-रोकर बुरा हाल था। रोते-बिलखते लोगों ने भगवान से प्रार्थना की कि ऐसी घटना फिर कभी न हो।
बता दें कि बुधवार देर रात कुशीनगर के नौरंगिया टोला में विवाह कार्यक्रम का रस्म निभाने के दौरान करीब 30 बच्चियां और महिलाएं कुआं में गिर गईं थी, जिनमें से 13 की मौत हो गई थी।
(मृतकों का अंतिम संस्कार करते गांववाले)
इस घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा कि कल तक जिस घर में शादी की खुशियां थीं, आज वहां मातम पसरा है।
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कुशीनगर के नारायणी नदी के छितौनी-बगहा पुल के समीप पनियहवा घाट पर गुरुवार को जब एक साथ चिताएं जलीं, तो उनेस निकले धुएं से मानों आसमान काला हो गया था।