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यूपी में लॉक डाउन का असरः गांववालों ने बनाई लक्ष्मण रेखा, देवी मंदिर भी बंद, मनमानी करने वालों को सजा
लखनऊ (Uttar Pradesh) । कोरोना वायरस के कारण 14 अप्रैल तक पूरे प्रदेश को लॉक डाउन कर का असर दिख रहा है। कई इलाकों में लोगों ने मोदी की अपील पर अपनी लक्ष्मण रेखा बना ली है। जौनपुर में काजीपुर गांव के ग्रामीणों ने कोरोना वायरस से लड़ने खुद बीड़ा उठाया है। गांव वालों ने गांव के बाहर एक बैनर टांगा है। जिसमें लिखा है कि काजीपुर लॉकडाउन है। हम कोरोना से मिलकर लड़ेंगे। प्रशासन का सहयोग करें। गांव से न कोई जा रहा है, न किसी को आने दिया जा रहा है। हालांकि कई ऐसे भी इलाके हैं, जहां लोग बेवजह बाहर टहल रहे हैं। हालांकि ऐसे लोगों के साथ पुलिस सख्ती बरत रही है। हम आपको लाक डाउन के पहले दिन प्रदेश के जिलों की स्थिति के बारे में बता रहे हैं।
| Published : Mar 25 2020, 05:25 PM IST
यूपी में लॉक डाउन का असरः गांववालों ने बनाई लक्ष्मण रेखा, देवी मंदिर भी बंद, मनमानी करने वालों को सजा
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गोरखपुर जिला नेपाल बॉर्डर से सटा है। बॉर्डर को सील कर दिया गया है। लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जिलों में जगह-जगह बैरिकेड लगाकर आने जाने वालों की चेकिंग हो रही है। हालांकि, ज्यादातर लोग अपने घरों में हैं। पुलिसकर्मी ऐहतियात बरतते हुए लॉकडाउन का पालन करवा रहे हैं।
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जौनपुर में कोरोना से एक व्यक्ति संक्रमित मिला है। वहीं, काजीपुर गांव वालों ने गांव के बाहर एक बैनर टांगा है। जिसमें लिखा है कि काजीपुर लॉकडाउन है। हम कोरोना से मिलकर लड़ेंगे। प्रशासन का सहयोग करें। गांव से न कोई जा रहा है, न किसी को आने दिया जा रहा है।
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आगरा सहित सभी जिलों में सड़कों पर बेवजह निकलने वालों से पुलिस सख्ती से निपट रही है। दूसरों के लिए खतरा बने लोगों को पुलिस ने पहले समझाया, जब नहीं माने तो पुलिस ने डंडा चलाकर कड़ा सबक दिया। इसके बाद पुलिस की मेहनत रंग लाई और लोग अपने घरों में जाकर कैद हो गए।
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मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी के कपाट भी बंद है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को चलते मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं। मंदिर जाने वाली गलियों को सौ मीटर पहले ही बैरिकेटिंग करके आवाजाही पर रोक लगा दिया गया है।
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काशी में अलईपुरा स्थित मां शैलपुत्री के मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद रहे। सुबह पुजारी ने मां की श्रृंगार आरती की और उन्हें भोग लगाया। इक्का-दुक्का लोग अराधना के लिए पहुंचे थे, लेकिन उन्हें मायूस होकर वापस लौटना पड़ा।