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लड़की नहीं मिली तो इस शख्स ने लकड़ी के पुतले को बनाया दुल्हन, की शादी; सभी रस्में निभाई, दोस्तों को दी पार्टी
प्रयागराज (Uttar Pradesh)। लड़की नहीं लकड़ी के पुतले से शादी। यकीन मानिए, ऐसी शादी न देखी होगी और न ही आपने कभी न सुनी होगी। लेकिन, एक बेटे ने 90 साल के हो चुके पिता के लिए कुछ ऐसी ही शादी रचाई है। जी हां प्रयागराज से एक बुजुर्ग के 8 वें बेटी की शादी नहीं हो पाई थी, जबकि वो जीवन के आखिरी पड़ाव पर था। ऐसे में बेटे ने अपने बुजुर्ग पिता का मन रखने के लिए नायाब तरीके से शादी की। पहले तो शादी के लिए लड़की खोजी, जब नहीं मिली तो लकड़ी के पुतले को ही दुल्हन बनाकर उसके साथ सभी रस्मों के निभाते हुई ब्याह रचाया। इस दौरान भोज का भी आयोजन किया। यह शादी मंगलवार को हुई, जो चर्चा का विषय बन गई है।
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यमुनापार के घूरपूर थाना क्षेत्र में मनकवार गांव के मजरा भैदपुर निवासी शिवमोहन (90) के 9 बेटे हैं। सबसे छोटे लड़के पंचराज की इस उम्र 32 साल है। पंचराज के सभी भाइयों की शादी हो चुकी है। सभी के बच्चे भी हैं। लेकिन, कुछ कारणों से पंचराज की शादी नहीं हो पाई थी।
90 साल के शिवमोहन के 8 बेटों की गृहस्थी बस चुकी थी। पिता शिवमोहन की इच्छा थी कि आंखें बंद होने से पहले बेटे पंचराज की शादी होते देख लूं। पिता की चाहत को देखते हुए परिवार ने पहले वधू की तलाश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।
आखिरकार पुरोहित को इस बारे में बताया गया। पुरोहित ने सलाह दी कि लकड़ी के पुतले से शादी हो सकती है। इस तरह पंचराज विवाहित कहलाएगा। पहले पंचराज ने इस फैसले का विरोध किया। लेकिन जब लगा कि इसी खुशी में पिता की अंतिम इच्छा छिपी है तो वह तैयार हो गया।
शुभ मुहूर्त निकलवाया गया और मंगलवार को पूरे रस्म-ओ-रिवाज के साथ धूमधाम से पंचराज की पुतले से शादी कर दी गई। इस अवसर पर भोज भी आयोजित किया गया।
शादी के साक्षी बने पूर्व प्रधान राजेश कुमार खन्ना, मंगला प्रसाद आदि ने कहा कि युवक ने अपने सिर से कुंवारापन दूर करने के लिए वैदिक पुरोहितों से सलाह के बाद ये कदम उठाया है।