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गलत इंजेक्शन लगाने से रोककर बचाई मां की जान तो साधना गुप्ता पर आ गया नेताजी का दिल, देखें फोटोज
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मुलायम सिंह की पहली पत्नी और अखिलेश यादव की मां मालती देवी के निधन के बाद 23 जुलाई 2003 को साधना को मुलायम सिंह यादव की पत्नी का दर्जा मिला। हालांकि दोनों की उम्र के बीच में तकरीबन 20 वर्षों का अंतर था। साधना इटावा जिले के बिधुना की निवासी थी। उनका पहला विवाह 4 जुलाई 1986 को फर्रुखाबाद के चंद्रप्रकाश गुप्ता से हुआ। शादी के बाद 7 जुलाई 1987 को उन्होंने बेटे प्रतीक यादव को जन्म दिया। शादी के महज दो साल बाद ही साधना औऱ चंद्रप्रकाश अलग हो गए थे।
साधना औऱ मुलायम एक दूसरे के करीब उस दौरान आए जब सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की मां अस्पताल में भर्ती थी। साधना ने मुलायम की मां मूर्ति देवी की काफी सेवा की वह एक नर्स के तौर पर वहां तैनात थी। इसी बीच दोनों के बीच में नजदीकियां बढ़ गई। मुलायम को साधना उस दौरान पसंद आ गई थी जब उन्होंने उनकी मां को एक गलत इंजेक्शन दिए जाने से रोक लिया था।
मुलायम के जीवन में साधना ने 1988 में एंट्री की और 1989 में वह मुख्यमंत्री बन गए। इसी के बाद से ही वह साधना को लकी मानने लगे। यह सब कुछ पता तो सबको था लेकिन घर में कोई कहता कुछ नहीं था। यह सब सामने तब आया जब मुलायम ने 2007 में आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र दिया। इसमें मुलायम ने लिखा कि, "मैं स्वीकार करता हूं कि साधना गुप्ता मेरी पत्नी और प्रतीक मेरा बेटा है।"
साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव रियल स्टेट का बिजनेस करते हैं। प्रतीक यादव राजनीति में सक्रिय नहीं है। हालांकि उनकी पत्नी अपर्णा राजनीति में सक्रिय हैं और चुनाव भी लड़ चुकी हैं। अपर्णा ने लखनऊ कैंट सीट से 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ा था। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले अपर्णा ने बीजेपी ज्वाइन कर ली थी।
साधना गुप्ता के निधन पर उनकी बहू अपर्णा बिष्ट ने ट्वीट किया है। अपर्णा ने लिखा कि पूज्य सासू मां के निधन पर वह निःशब्द हैं।
इस तरह से करीब आए थे साधना गुप्ता और मुलायम सिंह यादव, सालों तक लोगों से छिपा रहा था रिश्ता