- Home
- States
- Uttar Pradesh
- इकलौती बेटी की शादी को दिन-रात मेहनत से पिता जुटा रहा था पैसे, लेकिन हुआ एक हादसा और बिखर गए सपने
इकलौती बेटी की शादी को दिन-रात मेहनत से पिता जुटा रहा था पैसे, लेकिन हुआ एक हादसा और बिखर गए सपने
- FB
- TW
- Linkdin
लखनऊ के निगोहा के मस्तीपुर गांव निवासी सुखराम आर्थिक रूप से काफी कमजोर है। उसने जीविका चलाने के लिए गांव में ही हाईवे पर नाले के ऊपर गुमटी में छोटी से दुकान खोल रखी है। इसी दुकान से होने वाली कमाई से वह अपने चार बेटों, एक बेटी व पत्नी समेत 7 लोगों का पेट पालता है।
सोमवार को तकरीबन 2 बजे सुखराम खाना खाने के लिए घर गया था। दुकान पर उसकी इकलौती बेटी रीना(22) और बेटा कुलदीप(18) थे। उनके साथ उनकी ममेरी बहन भी एक छोटी बच्ची के साथ बैठे हुए थे।
तभी लखनऊ से रायबरेली की ओर जा रही तेज रफ्तार कर अनियंत्रित होकर नाले पर चढ़ गई, उनकी गुमटी में टक्कर मार दिया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि रीना और कुलदीप उछलकर दूर जा गिरे, जबकि गुमटी से टूटी लकड़ियों से उनकी ममेरी बहन और उसके साथ मौजूद मासूम बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गए।
ग्रामीणों ने सभी को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने के साथ ही चालक की पिटाई करने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया। इलाज के दौरान रीना और कुलदीप दोनों की मौत हो गई। भाई बहन की मौत से नाराज ग्रामीणों ने हाईवे पर जाम लगाकर बवाल काटना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने ईंटें, गिट्टियां उठाकर फेंकना शुरू कर दिया। पथराव से कई वाहनों के शीशे टूट गए। जवाब में पुलिस ने भी पत्थर चलाए।
रीना और कुलदीप के पिता सुखराम और मां चन्द्रकला का रो-रोकर बुरा हाल है। सुखराम ने रोते हुए बताया कि इसी साल बेटी की शादी करने का प्लान था। इसके लिए छोटी से दुकान से एक-एक रूपए जोड़ कर बचा रहा था। लेकिन अब तो मेरे सारे सपने ही टूट गए। क्या पता था कि उसकी डोली की जगह अर्थी को कंधा देना पड़ जाएगा।
एसपी ग्रामीण आदित्य व तहसीलदार ने मुआवजा, कार चालक पर कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया। पुलिस ने चालक को हिरासत में ले लिया है। उसके मुताबिक हादसा मवेशी से बचने के चक्कर में हुआ। जौनपुर निवासी चालक परवेज के मुताबिक हादसा अचानक सड़क पर आए मवेशियों को बचाने के चक्कर में हुआ है।