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एक कमरे में दुनिया,अदृश्य शक्तियों से बात; ऐसी थी मां-भाई की हत्या करने वाली रेलवे अफसर के बेटी की जिंदगी
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पुलिस को नाबालिग के कमरे में चौंकाने वाले सामान मिले वो काफी चौंकाने वाले थे। वह बच्ची डायरी लिखती थी। डायरी में जॉन कीट्स, विलियम वर्ड्सवर्थ की कविताएं और कोटेशन मिले जो ज्यादातर मृत्यु या मृत्यु के रहस्य से संबंधित थे। पुलिस जांच के मुताबिक, कमरे के हालात डिप्रेशन के टर्म हेल्युसिनेशन की ओर इशारा कर रहे थे।
बच्ची के पिता राजेश दत्त बाजपेयी नई दिल्ली में तैनात थे और 15 दिन के अंदर ही इन लोगों को भी नई दिल्ली शिफ्ट होना था। घर का ज्यादातर सामान नई दिल्ली जा चुका था। कुछ किताबें, शोपीस और जरूरी सामान ही घर में रखा था। पुलिस के मुताबिक बच्ची वह कमरा छोड़ना नहीं चाहती थी जिस कमरे को उसने अपनी दुनिया बना रखी थी।
पुलिस के मुताबिक, ये पूरी घटना कुछ ऐसे लोगों से बातचीत के बाद हुई जो सिर्फ उस बच्ची को ही दिखाई देते थे, किसी और को नहीं. शायद बच्ची अपनी इसी दुनिया से दूर होने के डर से भयभीत थी।
ये बात सभी को हैरान कर रही है कि आखिर एक बच्ची जो नेशनल लेवल के शूटिंग कंपटीशन में मैडल जीत चुकी हो, जिसे पियानो, गिटार समेत पांच-पांच वाद्ययंत्र बजाने आते हों, जो 4- 5 देशों की भाषाओं को लिखने और बोलने में पारंगत हो वह ऐसी घटना आखिर कैसे कर सकती है।
पुलिस के मुताबिक, बच्ची ने बताया कि उसने मां और भाई से घर में भूत दिखने की बात कही थी, लेकिन किसी ने उसकी बात पर विश्वास ही नहीं किया। पुलिस को उसके कमरे से कई रहस्यमयी चीजें मिली। जैसे एक मुस्कुराता हुआ इमोजी, जिससे आंख से आंसू निकल रहा था। उसकी मेज पर एक आर्टिफिसियल इंसानी खोपड़ी रखी थी। जिसे शीशे में देखने पर अजी से डरावनी शक्ल दिख रही थी।
बच्ची के पिता आरडी वाजपेयी भी ये बात मानने को तैयार नहीं कि उनके बच्ची इस तरह की घटना अको अंजाम दे सकती है। उनका कहना था कि वह पढ़ने में तो होशियार थी है, उसे कत्थक, सिंगिंग, शूटिंग, म्यूजिक सभी कुछ अच्छे से आता था। वह बेहद होशियार और प्रतिभावान छात्रा थी।
उन्होंने बताया कि उसकी मां के साथ वह काफी घुलमिल कर रहती थी, यहां तक कि दोनों कपड़े भी एक कलर के पहनती थी। जब भी मार्केट से कपड़े की शॉपिंग होती उसमें मां- बेटी के कई कपड़े एक ही कलर और डिजाइन के होते थे।