- Home
- States
- Uttar Pradesh
- Tokyo Olympics: कौन है ये खिलाड़ी जिसने हॉकी में दिलाया मेडल, दागा पहला और आखिरी गोल..जीत का असली हीरो
Tokyo Olympics: कौन है ये खिलाड़ी जिसने हॉकी में दिलाया मेडल, दागा पहला और आखिरी गोल..जीत का असली हीरो
- FB
- TW
- Linkdin
ओलंपिक में कमाल करने वाले सिमरनजीत की फैमिली मूल रूप से पंजाब के बटाला के गांव चाहलकलां की रहने वाली है। लेकिन फिलहाल वह उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के मझोला कस्बे में रहती है। यहीं से ही सिमरनजीत की स्कूली पढ़ाई पूरी हुई है। इसके बाद वह जालंधर की सुरजीत हॉकी एकडेमी से हॉकी की ट्रेनिंग लेने के लिए गए।
बता दें कि सिमरजीत को बचपन से ही हॉकी खेलने का शौक था। जब 8 साल के थे तब उन्होंने गांव के ग्राउंड में हॉकी खेलना शुरू कर दिया था। पिता हल लेकर खेतों में निकलते थे और उनका 8 साल का बेटा सिमरजीत हॉकी लेकर निकलता था। पिता ने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए पैसों की परवाह किए अपने बेटे को ट्रेनिंग के लिए शाहबाद हॉकी स्टेडियम भेजा। इसके बाद चीमा एकेडमी में उन्होंने प्रेक्टिस की। जहां उनका सिलेक्शन सुरजीत हॉकी अकेडमी जालंधर में हो गया था।
सिमरनजीत सिंह भारतीय हॉकी टीम के मिड फील्डर हैं। जालंधर की सुरजीत हॉकी एकडेमी में करीब 5 साल तक यही से कोचिंग लेकर वह एक प्रोफेशनल हॉकी खिलाड़ी बने।
इसके बाद उनका चयन जूनियर वर्ल्ड कप के लिए हुआ। जहां उन्होंने बेल्जियम की टीम के सामने खेलते हुए चैंपियनशिप में फाइनल मैच में 2-1 से भारत को जीत दिलाने में बेहतरीन प्रदर्शन किया।
सिमरनजीत के पिता एक इकबाल सिंह खेतीबाड़ी किया करते थे, जबकि उनकी मां मनजीत कौर घर का कामकाज संभालती थी। सिमरनजीत के चचेरे भाई गुरजंत सिंह भी एक प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी हैं। इस वजह से भी उनको हॉकी खेलने का शौक अपन घर से ही लगा। लेकिन आज उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत की दम पर भारत को इतिहासिक जीत दिला दी।