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कौन हैं ADG प्रशांत, जो हाथरस की बेटी से रेप नहीं होने का कर रहे दावा, जिनके नाम से डरते हैं अपराधी
लखनऊ. उत्तर प्रदेश हाथरस गैंगरेप घटना की पीड़िता अब इस दुनिया में नहीं रही, लेकिन उसके लिए इंसाफ मांग पूरे देश में उठ रही है। इसी बीच अब पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें यूपी पुलिस के एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने दावा किया है कि हाथरस में 19 साल की युवती के साथ रेप नहीं हुआ। इस मामले में पुलिस की कार्यवाही पर सवाल खड़े हो गए हैं। जिसके चलते एडीजी प्रशांत कुमार चर्चा में आ गए हैं। आइए जानते हैं कौन है यह IPS अफसर प्रशांत कुमार...
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हाथरस की बेटी के साथ रेप नहीं होने का दावा करने वाले एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर प्रशांत कुमार 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। गिनती तेज तर्रार आईपीएस के रूप में होती है। उन्होंने चार महीने पहले ही प्रदेश के एडीजी (कानून व्यवस्था) का पदभार संभाला है। इससे पहले वो एडीजी जोन मेरठ के पद पर तैनात थे।
बता दें के प्रशांत कुमार ने मेरठ में कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से फूल वर्षा कर मीडिया में आए थे। प्रशांत कुमार एनकाउंटर के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में एक के बाद एक कई ताबड़तोड़ एनकाउंटर किए।
1990 बैच के आईपीएस अफसर प्रशांत कुमार मुलत: यूपी कैडर के नहीं हैं। उनका चयन तमिलनाडु कैडर के लिए हुआ था, तमिलनाडु में 4 साल की नौकरी के बाद 1994 में उन्होंने यूपी कैडर में वापसी की है।
बिहार के सीवान के रहने वाले प्रशांत कुमार की शादी यूपी कैडर की आईएएस डिम्पल वर्मा से हुई और इसी ग्राउंड पर उनका कैडर चेंज हुआ है। उन्होंने भदोही एसएसपी के तौर पर प्रशांत कुमार का यूपी में सफर शुरू किया था। इसके बाद सोनभद्र, जौनपुर, फैजाबाद, गाजियाबाद और सहारनपुर में भी एसएसपी रहे।
मेरठ जोन या कहें पश्चिमी यूपी जिसे अपराधियों का गढ़ माना जाता है, वहां इतना आसान नहीं था अपराधियों की कमर तोड़ना लेकिन प्रशांत कुमार ने ताबड़तोड़ एनकाउंटर कराकर अपराध की कमर तोड़ दी। उनके नेतृत्व में तीन सालों में हजारों एनकाउंटर्स हुए, जिनमे हजारों बदमाश पकड़े गए। जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सुधरी हुई कानून व्यवस्था से बदमाशों में पुलिस का खौफ होने लगा, जिससे कई बदमाशों ने खुद सरेंडर भी किया।
जिस वक्त लॉकडाउन लगा हुआ था उस वक्त भी एडीजी प्रशांत कुमार अपने काम की वजह से चर्चा में आ चुके हैं। इतना बड़ा राज्य होने के बाद भी यूपी में सबसे कम पुलिसकर्मी संक्रमित हुए थे। उन्होंने कहा था कि यूपी पुलिस सबसे अच्छी कोरोना वॉरियर है। हमने पुलिस कर्मियों को कोरोना से बचाव के लिए जरूरी किट्स दिए गए।
अफसर प्रशांत कुमार की कानून व्यवस्था से बदमाशों में पुलिस का खौफ होने लगा, जिससे कई बदमाशों ने खुद सरेंडर भी किया।
हाथरस मामले में पीड़िता के शव को बिना घरवालों के सूचना दिए बिना जलाए जाने पर पुलिस की खासी आलोचना हो रही है। इस मामले के लेकर अब यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि शव खराब हो रहा था इसलिए उसे जलाया गया, जबरन अंतिम संस्कार नहीं किया गया।