102 साल पहले भी फैली थी कोराना जैसी महामारी, मारे गए थे 5 करोड़ लोग, नहीं मिल पाई थी दवाई
हटके डेस्क। आज पूरी दुनिया कोरोना वायरस के प्रकोप से तबाह है। दुनिया भर में 27 लाख लोग इससे संक्रमित हैं, वहीं 1.90 लाख लोगों की इससे मौत हो चुकी है। अमेरिका में कोरोना से सबसे ज्यादा करीब 50 हजार लोगों की मौत हुई है। आने वाले दिनों में मौतों का यह आंकड़ा बढ़ सकता है। बता दें कि 102 साल पहले अमेरिका में स्पेनिश फ्लू (H1N1) नाम की महामारी फैली थी, जिससे करीब 5 करोड़ लोगों की मौत हो गई थी। उस दौरान जो तबाही मची थी, वह आज से कम भयानक नहीं थी। इस महामारी के दौरान भी लोगों को इसकी कोई दवाई नहीं मिल पाई थी। लोगों ने इससे बचाव के लिए वही तरीके अपनाए गए थे, जो आज कोरोना वायरस से बचाव के लिए अपनाए जा रहे हैं। उस समय की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिनसे पता चलता है कि लोगों ने स्पेनिश फ्लू की महामारी से कैसे निपटा था। ऐसा लगता है कि वह ट्रैजिडी फिर से सामने आ गई है। फेमस फिलॉसफर जॉर्ज सान्त्याना का कहना है कि जो इतिहास से नहीं सीखते, वे उसे दोहराया जाता देखने के लिए मजबूर होते हैं। अमेरिका में कोरोना जो तबाही मचा रहा है, उसे देखते हुए यह बात सच लगती है। बहरहाल, 1918 में अमेरिका में फैले स्पेनिश फ्लू की महामारी के दौरान लोगों ने खुद तो मास्क लगा कर अपने आप को सुरक्षित किया ही था, पालतू जानवरों को भी मास्क पहनाया था। देखें इससे जुड़ी तस्वीरें।
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1918 में अमेरिका में फैली स्पेनिस फ्लू की महामारी के दौरान अपने घर के बाहर मास्क लगा कर बैठी कुछ महिलाएं। दो महिलाओं ने अपने पेट्स को भी मास्क पहना कर उन्हें गोद में ले रखा है।
अमेरिका के सिएटल में स्पेनिश फ्लू महामारी फैलने के दौरान एक डॉग की मास्क लगाई तस्वीर अखबारों में छपी। साथ में बिग लीग प्लेयर्स की ग्रुप फोटो छपी हुई है। सबों ने मास्क लगा रखे हैं।
कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद चीन के शंघाई में एक डॉग घर में बना मास्क पहने है।
शंघाई में ही एक डॉग मास्क लगाए सड़क पर घूम रहा है। उसके मालिक ने सेफ्टी के लिए उसे जूते भी पहना रखे हैं।
कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद चीन में एक लड़की ने अपने डॉग को मास्क पहनाने के साथ उसका सिर भी ढक रखा है और जूते भी पहना दिए हैं।
शंघाई में एक शख्स ने अपने कुत्ते को मास्क पहनाने के बाद उसे कंधे पर उठा लिया है।
1918 में अमेरिका में जब स्पेनिश फ्लू फैला था, तब अफसरों और सेना के अधिकारियों के लिए भी मास्क पहनना जरूरी कर दिया गया था। तस्वीर में एक अफसर दूसरे अफसर का मास्क एडजस्ट करता दिख रहा है।
1918 में अमेरिका में स्पेनिश फ्लू फैलने के बाद कन्सास के कैम्प फन्स्टन में एक साथ इतने मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जैसे आज अमेरिका में कोरोना के मरीजों के लिए अस्पतालों में जगह की कमी हो गई और उनका इलाज कैम्पों में करना पड़ रहा है, उस दौरान भी ऐसी ही हालत पैदा हो गई थी।
1918 में अमेरिका में स्पेनिश फ्लू फैलने के बाद मिसौरी के सेंट लुइस में महिला हेल्थ वर्कर्स मास्क पहन कर मरीजों को स्ट्रेचर पर अस्पताल ले जा रही हैं। स्पेनिश फ्लू फैलने के बाद मिसौरी में सबसे पहले लॉकडाउन घोषित किया गया था।
कोरोना महामारी फैलने के बाद घर में बना मास्क पहने एक कुत्ता। उसका मालिक उसे टहलाने निकला है। कहा जा रहा है कि कोरोना का संक्रमण जानवरों से भी फैल सकता है।