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मात्र 2 महीने में गे नर्स का कोरोना से हुआ ऐसा हाल, हड्डियों के ढांचे में बदला हट्टा-कट्टा शख्स
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43 साल के माइक स्कल्ट्ज़ पिछले 57 दिनों से कोरोना से जंग लड़ रहे थे। मैसाचुसेट्स के एक अस्पताल में एडमिट माइक ने अपने इंस्टा अकाउंट पर अपनी फोटोज शेयर कर दिखाया कि कैसे ये वायरस इंसान को कमजोर कर देता है।
ये तस्वीर माइक ने कोरोना पॉजिटिव होने से पहले क्लिक की थी। माइक को 16 मार्च को अस्पताल में एडमिट करवाया गया था। इस फोटो को उसने बीमार होने से पहले खींचा था।
ये तस्वीर कोरोना से जंग लड़ने के बाद माइक ने क्लिक की। 57 दिन तक माइक और कोरोना के बेच लड़ाई चली। जिसने 6 हफ्ते माइक ने वेंटिलेटर पर गुजारे। माइक इतना कमजोर हो गया था कि उससे अपना मोबाइल नहीं पकड़ा जा रहा था।
जानकारी के मुताबिक, जिस दिन माइक को कोरोना पॉजिटिव होने की बात पता चली, उससे एक हफ्ते पहले माइक अपने बॉयफ्रेंड के साथ छुट्टियां मनाने मिआमि गया हुआ था।
माइक में कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे। लेकिन जब उसे कमजोरी महसूस हुई, और उसने टेस्ट करवाया तो कोरोना पॉजिटिव निकला।
माइक को कोरोना के साथ न्यूमोनिया भी हो गया था। संक्रमित होने के कारण 57 दिन में माइक की बॉडी काफी कमजोर हो गई।
इस दौरान माइक का कुल 22 किलो वजन कम हो गया। उससे पाना मोबाइल भी पकड़ा नहीं जाता था।
माइक ने बताया कि वो अपनी तस्वीरें इसलिए शेयर कर रहा है ताकि लोगों को पता चले कि ये वायरस कोई मजाक नहीं है। सबको देखना चाहिए कि ये इंसान की बॉडी पर कितना प्रभाव डालता है।
माइक जब इन्वेक्टेड हुए, तब वो अपने बॉयफ्रेंड से मिलने मियामी गए थे। उस दौरान उन्हें कोरोना का पता तो था लेकिन चूँकि लॉकडाउन नहीं था, इसलिए वो ट्रेवल कर रहे थे।
इस वायरस ने मात्र 57 दिन में एक स्वस्थ इंसान को हड्डियों के ढाँचे में बदल दिया। इससे ही अंदाजा हो जाना चाहिए कि ये वायरस कितना खतरनाक है?