इस देश में खून के आंसू रोती हैं महिलाएं
दुबई: भारत के पीएम नरेंद्र मोदी आज से दो दिन तक सऊदी अरब में रहेंगे। इस देश का भारत से पुराना रिश्ता है। भारत से हर साल कई लोग दुबई घूमने जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर साल सऊदी अरब से कई महिलाएं दूसरे देश में बस जाती हैं। ऐसा इसलिए कि इस देश में ऐसे कई नियम हैं, जो महिलाओं की जिंदगी नर्क बनाने के लिए काफी हैं। आइये, आज हम आपको ऐसे ही नियमों के बारे में बताते हैं।
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सऊदी अरब में महिलाओं की जिंदगी के सारे फैसले पुरुष लेते हैं। पहले पिता और उसके बाद पति के साथ महिला की पूरी जिंदगी बीतती है।
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यहां महिलाएं अपनी पसंद से शादी नहीं कर सकतीं। इसके लिए उन्हें पिता की सहमति जरुरी है। लेकिन बात अगर पुरुषों की करें, तो वो एक साथ 4 शादियां कर सकते हैं।
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सऊदी अरब में कुछ समय पहले तक आठ साल की बच्चियों की शादी तक करवा दी जाती थी। लेकिन नियमों में बदलाव के बाद अब यहां शादी की उम्र 18 साल कर दी गई है। लेकिन अभी भी 15 साल की बच्चियों की शादी विशेष परिस्थितियों में करवाई जा सकती है।
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सऊदी अरब में महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा के कई मामले सामने आते हैं। इनमें सबसे ज्यादा पति द्वारा की जाती है। इनमें से ज्यादातर मामले सामने भी नहीं आ पाते हैं। अगर कोई महिला हिंसा से परेशान होकर घर छोड़ देती है तो उसे अरेस्ट कर वापस घर भेज दिया जाता है।
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नहीं ले सकती तलाक यहां अगर महिला अपनी शादी से नाखुश है, तो वो अपनी मर्जी से तलाक नहीं ले सकती। यहां फैमिली लॉ भी नहीं है, जिस कारण महिलाओं को घरेलू हिंसा झेलनी पड़ती है। वहीं पुरुष बिना वजह बताए तलाक के सकते हैं।
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यहां महिलाएं अस्पताल में एडमिट तभी हो सकती हैं, जब पुरुषों के सिग्नेचर पेपर पर लिए जाते हैं। इस कारण कई बार महिलाओं को जान से हाथ भी धोना पड़ता है।
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बात अगर नौकरी की करें तो सऊदी अरब में महिलाएं पुरुषों से सहमति के बाद ही नौकरी कर सकती हैं। साथ ही कुछ जॉब्स, जैसे जज और ड्राइवर में महिलाओं की एंट्री पर बैन है।
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