जिम के पीछे कचरे के डिब्बे में हिलती मिली प्लास्टिक की थैली, खोलते ही खौल उठा लोगों का खून
हटके डेस्क: दुनिया में मां की ममता ऐसी होती है, जिसके आगे कोई भी रिश्ता कमजोर है। एक मां अपने बच्चे के लिए किसी भी मुसीबत से टक्कर ले लेती है। लेकिन कई बार कुछ ऐसे मामले सामने आते हैं जिसे देखकर ममता भी शर्मसार हो जाती है। ऐसी घटनाएं सोचने पर मजबूर कर देती है कि आखिर नौ महीने बच्चे को गर्भ में रखने के बाद कोई महिला उसे त्याग कैसे सकती है। भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में आज भी बेटी पैदा होने पर मां-बाप उसे त्यागने का फैसला करते हैं। बच्ची को मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। ऐसा ही एक मामला चीन से हाल ही में सामने आया जहां लोगों ने जिम के पास एक प्लास्टिक की थैली में नवजात बच्ची को पाया। बच्ची को जन्म के तुरंत बाद वहां फेंक दिया गया था। बच्ची के शरीर में कीड़े लग गए थे लेकिन वो जिन्दा थी। लोगों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया।
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मामला चीन के नेनचांग से सामने आया। यहां एक जिम के पीछे से रोने की आवाज आई। जब वो वहां पहुंचे तो वहां कुछ भी दिखाई नहीं दिया।
इसके बाद उनकी नजर कचरे में हिलती प्लास्टिक पर पड़ी। डरते हुए उन्होने प्लास्टिक के बैग को खोला। उसमें उन्हें एक नवजात बच्ची मिली।
बच्ची के शरीर से उस वक्त भी गर्भनाल जुड़ा था। बच्ची को देखकर लग रहा था कि जन्म के तुरंत बाद उसे कचरे में फेंक दिया गया था।
बच्ची का शरीर मिट्टी से भरा था। साथ ही उसके शरीर में कीड़े लग गए थे। लेकिन उसकी सांसें चल रही थी। खासकर बच्ची के कान में कीड़े लग गए थे।
लोगों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टर्स ने उसके कान से कई रेंगते कीड़े बाहर निकाले। बच्ची को इस हाल में देख हर किसी का कलेजा कांप गया।
बच्ची का इलाज करती डॉक्टर से उसका हाल नहीं देखा गया। इलाज के दौरान ही वो फूट-फूटकर रो पड़ी। उसने कहा कि उसे समझ नहीं आता कि कोई मां-बाप अपने बच्चे को ऐसे मरने के लिए कैसे छोड़ सकते हैं।
डॉक्टर ओयांग टिंग ने कहा कि पहले उन्हें लगा कि बच्ची कचरे के कारण गंदी हो गई है। लेकिन जब उन्होंने उसे नहलाया तो देखा कि उसके कान में कीड़े लगे हैं।
बच्ची के कान को कॉटन बड्स से साफ़ किया गया। डॉक्टर्स का कहना है कि आज से पहले उन्होंने इतनी छोटी बच्ची को इस तरह कीड़ों से भरे हुए नहीं देखा था।
बता दें कि चीन में हर साल एक लाख बच्चों को जन्म के बाद मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। यानी हर दिन 270 बच्चों को उसके मां-बाप यूं ही फेंक देते हैं।