मर्दों को बाजार से चुनकर लाती हैं महिलाएं, फिर शादी से पहले सुहागरात मनाकर करती हैं चेक
हटके डेस्क: पूरी दुनिया कोरोना-कोरोना कर रही है। हर तरफ इस महामारी ने कोहराम मचा रखा है। लेकिन नाइजीरिया, चाड और कैमरून में रहने वाले वोडाबे ट्राइब के लोग अपना एन्युअल फर्टिलिटी फेस्टिवल मना रहे हैं। इस फेस्टिवल में ट्राइब के मर्द तैयार होकर बाजार जाते हैं और अपनी खूबसूरती से महिलाओं को रिझाकर घर ले आते हैं। इसके लिए मर्द कई-कई घंटे मेकअप करते हैं। महिलाओं को इन मर्दों के सफ़ेद दांत और आंखें रिझाती हैं। देखिये कोरोना के बीच कैसे मनाया गया ये त्यौहार।
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वोडाबे वो बंजारे हैं जो नाइजर, कैमरून, नाइजीरिया और चाड में रहते हैं। साल में एक बार इनके यहां गरेवाल फेस्टिवल मनाया जाता है।
इस फेस्टिवल में मर्द महिलाओं को रिझाकर अपने साथ लाते हैं। इसके लिए बाकायदा प्रतियोगिता रखी जाती है।
महिला जजों के सामने प्रतियोगिता होती है। जिसमें महिलाएं मर्दों के सफ़ेद दांत और आंखों से रीझकर उनके साथ चली जाती हैं।
मर्दों को चुनने के बाद महिलाएं फैसला करती हैं कि उन्हें उस शख्स के साथ मात्र एक रात रहना है या शादी कर उसे पति बनाना है।
महिलाओं को रिझाने के लिए ये मर्द कई-कई घंटे मेकअप करते हैं। इसमें वो सबसे बेस्ट कपड़े पहनते हैं और अपने चेहरे पर आर्ट करते हैं।
इस ट्राइब के मर्द अपने लुक को लेकर काफी सजग रहते हैं। यहां तक कि बकरी चराने के लिए जाने से पहले भी वो मेकअप करते हैं।
इस फेस्टिवल में दूसरों की बीवियां भी हिस्सा लेती हैं। अगर उन्हें फेस्टिवल में कोई और मर्द पसंद आ गया तो वो उसकी हो जाती हैं। और अपने पुराने पति को छोड़ देती हैं।
फेस्टिवल में सारे मर्द नाचते हैं। वो वहीं महिलाओं को आकर्षित करने के अलग-अलग तरीके अपनाते हैं।
कई मर्द अपने चेहरे को अलग- अलग रंग से पेंट करते हैं। साथ ही काजल और आईलाइनर भी लगाते हैं।
ये मर्द सिर से पैर तक सजे रहते हैं। इनके कपड़े भी पारम्परिक होते हैं। इस ट्राइब के मर्द हर समय छोटा सा शीशा साथ रखते हैं। जिसमें ये कई बार खुद को निहारते हैं।
दुनिया के दूसरे देशों में जहां औरतों के ऊपर मर्दों को रिझाने का बोझ होता है। यहां उलटी गंगा बहती है।
महिलाओं को इस ट्राइब में काफी मजबूत स्थान दिया जाता है। मर्द कोई भी काम उनके इजाजत के बिना नहीं करते। यहां तक कि बच्चे पालने का जिम्मा भी मर्दों का ही होता है।
साथ ही मर्दों का ज्यादातर समय सजने-संवरने में बीत जाता है।