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भाई-बहन नहीं, पति-पत्नी ने शुरू किया था रक्षाबंधन का त्योहार, सबसे पहले बीवी ने बांधी थी सुहाग की कलाई पर राखी
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3 अगस्त को राखी का त्योहार मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में राखी को भाई द्वारा बहन की रक्षा करने के वादे के तौर पर माना जाता है। भाई-बहन इस त्योहार का सालभर इन्तजार करते हैं।
हर साल रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण महीने के पूर्णिमा को मनाया जाता है। लेकिन इसके लिए शुभ मुहूर्त का इंतजार किया जाता है। इस त्योहार की कई कहानियां आपने सुनी होगी।
लेकिन क्या आप जानते हैं ये त्योहार भाई-बहन की नहीं, बल्कि पति-पत्नी का त्योहार है। जी हां, आप हैरान रह गए होंगे। जिसे आजतक आपने भाई-बहन का त्योहार समझा वो पति-पत्नी का त्योहार है।
तो रक्षाबंधन के त्योहार की शुरुआत की कहानी कुछ ऐसी है कि पौराणिक समय में देवताओं पर दानवों ने हमला किया था। तब भगवान इंद्र की जान को खतरा हो गया था।
अपने पति की जान बचाने के लिए इंद्र की पत्नी ने तप किया था। इसमें उन्हें एक रक्षासूत्र मिला था। इंद्र की पत्नी ने इसे अपने पति की कलाई पर बांधा था। इसके बाद इंद्र की शक्तियां बढ़ गई और देवताओं की जीत हुई।
इस तरह रक्षासूत्र सबसे पहले एक पत्नी ने अपने पति की कलाई पर बांधा था। यानी की अगर आपको किसी की जान बचानी है तो उसके कलाई पर रक्षासूत्र बांधना चाहिए। इस तरह ये त्योहार भाई-बहन नहीं बल्कि हर उस रिश्ते के बीच मनाया जा सकता है जो एक-दूसरे की रक्षा करना चाहते हैं।