- Home
- Viral
- 2 हजार साल पहले रईसों के महल से भरा था ये गांव, 2015 में मर गया वहां रहने वाला सबसे आखिरी शख्स
2 हजार साल पहले रईसों के महल से भरा था ये गांव, 2015 में मर गया वहां रहने वाला सबसे आखिरी शख्स
हटके डेस्क: दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं, जो समय के साथ उजड़ गए। जहां कभी लोग रहा करते थे, जहां एक भरा-पूरा गांव हुआ करता था, वो आज के समय में वीरान हो चुका है। ऐसे ही एक जगह में शामिल है रूस का डैंगेस्टन। इस जगह के भूतिया गांव काखिब और करोडा की तस्वीरें सामने आई है। ड्रोन की मदद से खींची गई इन फोटोज में ये भुतहा शहर काफी डरावना लग रहा है। 2000 साल पुराने इस गांव की कहानी में उतनी ही दिलचस्प है, जिसकी वजह से यहां टूरिस्ट्स की भीड़ लगी रहती है। सबसे अहम बात कि ये गांव कई सालों से वीरान है। सालों पहले जहां यहां रईसों के घर हुआ करते थे, वहीं 1950 के बाद धीरे-धीरे ये गांव उजड़ता गया। 2015 में इस गांव में रहने वाले आखिरी शख्स की मौत हो गई, जिसके बाद से यहां कोई नहीं रहता। सिर्फ ये जगह और इसकी कहानियां पर्यटकों को अब आकर्षित करती है।
| Published : Sep 13 2020, 02:27 PM IST
- FB
- TW
- Linkdin
गामसुतल 2 हजार साल पहले बसा एक गांव था। इस गांव को माउंट गामसुतलमीर के 4 हजार 6 सौ फ़ीट पर बसाया गया था।
मई 2019 में लंदन की रहने वाली मेलानी स्मिथ गामसुतल घूमने गई थीं। वहां उन्होंने इस गांव की तस्वीरें खींची। और इसपर एक ब्लॉग लिखा।
स्मिथ ने लिखा कि गामसुतल में काफी कम टूरिस्ट्स आते हैं। पहाड़ों पर इससे खूबसूरत नजारा उन्होंने कभी नहीं देखा था।
गामसुतल को Machu Picchu of Dagestan के नाम से भी जाना जाता है।
इस गांव को 1950 के बाद लोग छोड़ कर जाने लगे। उस समय से गांव खाली होने लगा।
आज इस गांव तक पहुँचने के लिए एक घंटे की चढ़ाई करनी पड़ती है। इसके लिए काफी संकरी चढ़ाई है।
गामसुतल में अभी 300 टूटे घर हैं, जिसमें कभी लोग रहते थे। लेकिन आज ये वीरान है।
इस गांव में रहने वाले आखिरी शख्स की मौत 2015 में हो गई थी। उसके बाद यहां कोई नहीं रहा।
रशियन ट्रेवल ब्लॉग के मुताबिक, काफी सालों तक यहां एरिया के सबसे रईस लोग होते थे। यहां तीन सौ लोग रहते थे।
इन घरों के अलावा यहां दूकान, स्कूल, पोस्ट ऑफिस और हॉस्पिटल भी मौजूद थे।
इन घरों के अलावा यहां दूकान, स्कूल, पोस्ट ऑफिस और हॉस्पिटल भी मौजूद थे।
इस गांव के घरों के दरवाजे और दीवार की डिजाइन को देखकर आर्ट का पता चलता है।
बात अगर कोरोडा गांव की करें तो उसे थर्ड या फोर्थ सेंचुरी में बनाया गया था।
पहाड़ों की इतनी ऊंचाई पर बसे गांव की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।