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बांग्लादेश बन रहा दूसरा तालिबान ? तस्लीम नसरीन बोली-जो कुरान पढ़ नहीं सकते वह गलत व्याख्या से करा रहे दंगा
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बांग्लादेश में बचे खुचे हिंदुओं का भी हो जाएगा पलायन
तस्लीमा नसरीन (Taslima Nasreen) ने कहा कि बांग्लादेश (Bangla desh) में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं। अगर ऐसा ही हाल रहा तो यहां बचे खुचे हिंदू अल्पसंख्यक भी पलायन कर जाएंगे। उन्होंने कहा कि शेख हसीना (Sheikh Hasina) के नेतृत्व वाली सरकार अगर चाहती तो उनकी रक्षा कर सकती थी। देश में यह हिंसा हिंदू विरोधी मानसिकता को दर्शा रहा जो कि चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि विभाजन के समय वहां 30 प्रतिशत अल्पसंख्यक थे, जो अब घटकर नौ प्रतिशत रह गए हैं। यही हाल रहा तो और कम ही होंगे।
आप देश को दूसरा तालिबान बनाना चाहते?
तस्लीमा नसरीन ने सरकार से सवाल किया कि आप देश को क्या बनाना चाहते हैं ? दूसरा तालिबान ? सारी आर्थिक प्रगति बेकार है अगर दिमाग में ऐसा जहर भरा जा रहा है। इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं है लेकिन वहां इसकी शिक्षा दी ही नहीं जा रही।
अनपढ़ लोग गलत ढंग से कुरान की व्याख्या कर दंगे करा रहे
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में बेवजह इतनी मस्जिद और मदरसे बनाए जा रहे हैं। मजहबी उपदेशों का चलन बढ़ गया है जो अनपढ़ गरीबों को इस्लाम के नाम पर कट्टरपंथी बना रहा हैं। कुरान अरबी में है और हर कोई पढ़ नहीं सकता, लिहाजा ये कट्टरपंथी अपने हिसाब से उसकी व्याख्या करते हैं। और अपने ढंग से लोगों को उकसा कर दंगे करवा रहे।
सियासी फायदे के लिए कट्टरपंथ को बढ़ावा
तस्लीमा नसरीन ने कहा कि सरकार सियासी फायदे के लिये मज़हब का इस्तेमाल कर रही है और मदरसे कट्टरपंथी पैदा करने में लगे हैं। राजनीति को धर्म से अलग रखना जरूरी है। हिंदू दुकानों, घरों या मंदिरों में आग लगाने वाले लोग अकेले दोषी नहीं है। दोषी वह भी हैं जो वोटबैंक की राजनीति के लिए ऐसी खुली छूट देते हैं।
कौन हैं तस्लीमा नसरीन?
तस्लीमा नसरीन प्रसिद्ध लेखिका हैं। साल 1993 में उनका एक उपन्यास लज्जा काफी चर्चित हुआ था। इस उपन्यास के प्रकाशित होने के बाद उनको बांग्लादेश से निष्कासित कर दिया गया था। यह उपन्यास भारत में 1992 में हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद बांग्लादेश में हिंदू विरोधी दंगों की पृष्ठभूमि पर आधारित थी।
चार लोगों की बांग्लादेश में हो चुकी है मौत
दुर्गा पूजा समारोह के दौरान कुछ हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ के बाद हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना को गुरुवार को 22 जिलों में अर्धसैनिक बल तैनात करना पड़ा। सोशल मीडिया पर वीडियो में बड़ी भीड़ को दुर्गा पूजा प्रतिष्ठानों को तोड़ते हुए, पत्थर फेंकते हुए और हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ करते हुए दिखाया गया है। कुछ में भीड़ द्वारा तोड़ी गई देवी दुर्गा की मूर्तियों को दिखाया गया है।
कोमिला से शुरू हुई हिंसा चांदपुर, चटगांव, कॉक्स बाजार, बंदरबन, मौलवीबाजार, गाजीपुर, फेनी सहित कई जिलों में फैली और इस दौरान पुलिस व हमलावरों के बीच संघर्ष भी हुआ। इस दौरान हमलावरों के एक समूह ने रंगपुर जिले के पीरगंज गांव में हिंदुओं के करीब 29 घरों में आग लगा दी थी। इसके अलावा इस्कान मंदिर पर हमला कर पुजारी की हत्या कर दी गई। इस हिंसा में कई हिंदूओं के मारे जाने की सूचना है।
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