सुधरने का नाम नहीं ले रहा चीन, अब नेपाल को मोहरा बनाकर भारत के खिलाफ चली ये चाल
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इस रेलवे लाइन को भारत नेपाल सीमा के पास लुम्बिनी से भी जोड़ा जाएगा। चीन और नेपाल का यह प्रोजेक्ट काफी सालों से बंद पड़ा था। लेकिन भारत से तनाव के बीच चीन ने इसे दोबारा शुरू करने का ऐलान किया है। इतना ही नहीं चीनी टीम अभ तिब्बत से काठमांडू तक इस रेल प्रोजेक्ट के काम में जुट गई है।
चीन नेपाल को भारत के खिलाफ अपना मोहरा बना रहा है। दूसरी ओर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का चीन के प्रति प्रेम भी कम नहीं हो रहा है। चीन ने ही हाल में केपी शर्मी की पीएम की कुर्सी को बचाने में अहम भूमिका निभाई। ऐसे में केपी ओली भी अपनी दोस्ती निभाने से पीछे नहीं हट रहे हैं।
ओली नेपाल में भारत के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हैं। भारत से चल रहे दोनों देशों के विवाद के बीच नेपाल तक रेल लाइन बिछाने का काम भी शुरू हो गया है।
चीन के ल्हास को काठमांडू से जोड़ने के लिए ये रेल परियोजना एक दशक पुरानी है। ये लाइन तिब्बत के ल्हासा से शिगात्से होते हुए केरूंग पहुंचेगी। यहां से रसवा गाधी होते हुए नेपाल से जुड़ेगी। यह नेपाल में काठमांडू तक जाएगी। शिगात्से तक काम भी पूरा हो गया है।
चीन की तरह ही इन दिनों भारत और नेपाल के रिश्तों में भी दरार आई है। इसी का फायदा चीन उठाना चाह रहा है। उसने हाल ही में नेपाल में कई परियोजनाओं का काम शुरू किया है। इससे वह नेपाल में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
भारत के नजरिए से यह रेलवे लाइन हमेशा से गलत रही है। लेकिन अब बताया जा रहा है कि चीन और नेपाल इसे और बढ़ाने पर विचार कर रहा है। इस लाइन को भारत की सीमा के पास स्थित भगवान बुद्ध की जन्म स्थली लुम्बिनी तक बढ़ाने का विचार किया जा रहा है। अगर यह लाइन काठमांडू से आगे बढ़ती है तो यह भारत की सीमा के करीब आ जाएगी।
इस रेलवे लाइन से भारत को सामरिक और आर्थिक दोनों खतरे हैं। चीन का माल भारत की सीमा तक आसानी से पहुंच जाएगा और इसे भारत में डंप किया जा सकता है।
हालांकि, भारत भी चीन को रणनीतिक तौर पर जवाब देने के लिए एक योजना पर काम कर रहा है। नेपाल में चीन के प्रभाव को कम करने के लिए भारत ने भी एक रेल कॉरिडोर का प्रस्ताव रखा है।
इसके तहत भारत और नेपाल के बीच 6 रेलवे लाइन बनाने की योजना है। इसकी लागत 5.5 अरब रुपए है। इस परियोजना के लिए भारतीय टीम स्टडी भी कर चुकी है। इस परियोजना पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के यादव ने कहा, हमने अपने सभी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को सबसे ऊपर रखा है। हालांकि, इसकी टाइमलाइन या डिटेल अभी जारी नहीं की गई है।