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- नहीं रहा यह हीरोः 100 की उम्र में इन्होंने गार्डन के 100 चक्कर लगा कोरोना वॉरियर्स के लिए जुटाए थे 320 करोड़
नहीं रहा यह हीरोः 100 की उम्र में इन्होंने गार्डन के 100 चक्कर लगा कोरोना वॉरियर्स के लिए जुटाए थे 320 करोड़
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टॉम मूर को रविवार को सांस लेने में तकलीफ के बाद बेडफोर्ड हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। मूर की बेटी हेना इंग्राम ने बताया कि कुछ हफ्तों से उनका निमोनिया का इलाज चल रहा था। इसी बीच पिछले हफ्ते मूर कोरोना संक्रमित हो गए थे। मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
सर टॉम पिछले दिनों ही बकिंघम पैलेस में क्वीन एलिजाबेथ से मिले थे। यहां उन्हें रॉयल फैमिली ने नाइटहुड की उपाधि दी थी। यह तस्वीर सारी दुनिया की मीडिया में चर्चा का विषय बनी थी। टॉम मूड ने हेल्थवर्कर्स के लिए जुटाया फंड नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) को दिया था।
टॉम सेना से कैप्टन के पद से रिटायर हुए थे। उन्हें सम्मानस्वरूप कर्नल की पदवी दी गई थी। 100 साल के मूर ने फंडरेजन कैम्पेन के तहत गार्डन के 100 चक्कर लगाए थे। उनका यह साहस दुनियाभर में मिसाल बनकर सामने आया था।
वेस्ट यॉर्कशायर में जन्मे कर्नल मूर सिविल इंजिनियर थे। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने कई खतरनाक मिशन में अपनी जबर्दस्त भूमिका निभाई थी। अक्टूबर 1941 में उनकी पोस्टिंग भारत में भी हुई थी।
टॉम मूर ने सेना से रिटायर होने के बाद सेल्समैन का काम भी किया। कर्नल प्यार के मामले में हमेशा पीछे रहे। 50 की उम्र तक उन्हें प्यार नसीब नहीं हुआ। हालांकि इसके बाद ऑफिस में उनकी मुलाकात 35 वर्षीय मैनेजर पामेला से हुई। दोनों के बीच प्यार हुआ और फिर शादी।
करीब 20 साल पहले पामेल की तबियत काफी खराब हुई। उन्हें मेडिकल केयर के मकसद से केयर होम में ले जाना पड़ा। यहां टॉम घंटों उनके पास बैठकर प्यारभरी बातें किया करते थे। 14 साल पहले पामेला इस दुनिया में नहीं रहीं। इस कपल की दो बेटिया हैं हेना और लूसी।