MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • World News
  • कोरोना से दुनिया को बचाने के लिए इस देश ने तोड़ा प्रोटोकाल; कल से टेस्टिंग, 2 महीने में मिलेगी दवा

कोरोना से दुनिया को बचाने के लिए इस देश ने तोड़ा प्रोटोकाल; कल से टेस्टिंग, 2 महीने में मिलेगी दवा

लंदन. कोरोना के खिलाफ दुनिया भर में जंग जारी है। दुनिया भर में संक्रमित मरीजों की संख्या 25 लाख के पार पहुंच चुकी है। जबकि 1 लाख 77 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इन सब के बीच दुनिया के कई देश कोरोना का वैक्सीन ढूंढने में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में ब्रिटेन में गुरुवार से इंसानों के ऊपर कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार की गई वैक्सीन का ट्रायल शुरु किया जाएगा।

5 Min read
Asianet News Hindi
Published : Apr 22 2020, 01:42 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
120

कोरोना के खिलाफ इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने तैयार किया है और इसके लिए ब्रिटिश सरकार ने मंगलवार को 20 मिलियन पाउंड्स (189 करोड़ रुपये के करीब) खर्च करने की घोषणा की है। 

220

ब्रिटेन के हेल्थ सेक्रेटरी मैट हैनकॉक ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय इस वैक्सीन तैयार करने के लिए हर तरह की कुर्बानी देने को तैयार है। क्योंकि यह कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

320

हैनकॉक ने आगे कहा कि अगले फेज की तैयारी के लिए ब्रिटिश सरकार इंपीरियल कॉलेज लंदन को वैक्सीन पर रिसर्च करने के लिए 22.5 (210 करोड़ से ज्यादा) मिलियन पाउंड देगी। 

420

उन्होंने कहा, 'वैसे तो इस वैक्सीन को तैयार करने में वर्षों लग जाते, लेकिन ब्रिटेन इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे खड़ा है। हमने किसी भी देश की तुलना में इसकी वैक्सीन ढूंढ़ने के लिए सबसे अधिक पैसे खर्च किए हैं। इससे ज्यादा जरूरी और कुछ नहीं हो सकता है।

520

वैक्सीन का उत्पादन ट्रायल और गलतियों के लिए ही होता है। लेकिन ब्रिटेन इसका पुख्ता इलाज पाने के लिए कुछ भी न्योछावर करने को तैयार है। 

620

वुहान से लेकर इंग्लैंड, अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रलिया तक के लैब वैक्सीन बनाने के लिए काम कर रहे हैं। इससे पहले ईबोला की वैक्सीन पांच साल के रिसर्च के बाद बनी थी। इस बार पूरी दुनिया आपात स्थिति से निपट रही है, इसलिए तैयारी उसी तरह से हो रही है।

720

इंग्लैंड में एक साथ 21 लैब में काम शुरू
पिछले दिनों जानकारी सामने आई थी कि इंग्लैंड में कोरोना वायरस का वैक्सीन बनाने के लिए वैज्ञानिक दिन रात एक किए हुए हैं। यहां 21 नए रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू कर दिए गए हैं। इसके लिए इंग्लैंड की सरकार ने 1.4 करोड़ पाउंड की राशि मुहैया कराई है।
 

820

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में 10 लाख वैक्सीन की डोज बनाने की तैयारी चल रही है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि दुनिया में सितंबर तक कोरोना का वैक्सीन आ सकता है।

920

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में जेनर इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर आड्रियान हिल कहते हैं, हम किसी भी कीमत पर सितंबर तक दस लाख डोज तैयार करना चाहते हैं।

1020

वैज्ञानिकों का कहना है कि एक बार वैक्सीन की क्षमता का पता चल जाए तो उसे बढाने पर बाद में भी काम हो सकता है। ये स्पष्ट है कि पूरी दुनिया को करोड़ों डोज की जरूरत पड़ने वाली है। तभी इस महामारी का अंत होगा और लॉकडाउन से मुक्ति मिलेगी।

1120

वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए वैक्सीन ही सबसे कारगर उपाय हो सकता है। सोशल डिस्टेंशिंग से सिर्फ बचा जा सकता है। गौरतलब है कि इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन खुद संक्रमण के शिकार हो गए थे। हालांकि अब वो पूरी तरह स्वस्थ हैं।

1220

जेनर इंस्टीट्यूट के मुताबिक दो महीने में पता चल जाएगा कि वैक्सीन मर्ज कितना कम कर पाएगी। इंग्लैंड सरकार के चीफ साइंटिफिक एडवाइजर सर पैट्रिक वैलेस ने कहा, 21 प्रोजेक्ट हैं। ये सत्य है कि सभी प्रोजेक्ट से शुभ समाचार मिलने वाला नहीं है। इसलिए हम सभी को प्रोत्साहन दे रहे हैं। क्या पता कहां से सबसे प्रभावशाली वैक्सीन बन कर निकल जाए।

1320

WHO के प्रोटोकॉल को तोड़ कर हो रहा काम
वैक्सीन तैयार करने का प्रोटोकॉल 12 से 18 महीने का होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन भी यही कहती है। ब्रिटेन के चीफ मेडिकल एडवाइजर क्रिस विह्टी कहते हैं, हमारे देश में दुनिया के जाने माने वैक्सीन वैज्ञानिक हैं, लेकिन हमें पूरे डेवलपमेंट प्रोसेस को ध्यान में रखना है।
 

1420

वैज्ञानिकों का कहना है कि डेवलपमेंट प्रोसेस को कम किया जा सकता है। टास्क फोर्स इस पर काम कर भी रही है। हम सिर्फ यही चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी Covid-19 के इलाज के लिए वैक्सीन तैयार हो जाए।

1520

दो साल का ट्रायल दो महीने में होगा पूरा
मानव इस्तेमाल से पहले वैक्सीन का प्री-क्लीनिकल ट्रायल जानवरों पर होता है। इससे पता चलता है कि ये मनुष्यों के लिए कितना सेफ है। इसमें दो साल तक लग जाता है।
 

1620

पूरी दुनिया में आपातकाल जैसी स्थिति को देखते हुए इस प्रक्रिया को दो महीने में पूरा करने की तैयारी है। क्लीनिकल ट्रायल के दूसरे फेज में कृत्रिम इन्फेक्शन पर वैक्सीन को आजमाया जाता है। इससे क्षमता का अंदाजा लगता है।

1720

वैक्सीन की सेफ्टी, साइड इफेक्ट और असर का आकलन इसी फेज में होता है। फेज 3 में बड़े पैमाने पर इसका वास्तविक इस्तेमाल होता है। फेज-4 में वैक्सीन का लाइसेंस हासिल किया जाता है ताकि मार्केट में बिक्री के लिए उतारा जा सके।

1820

भारत में भी तेजी से हो रहा है काम

कोरोना की वैक्सीन को लेकर भारत में भी तेजी से काम हो रहा है। हैदराबाद की वैक्सीन कंपनी भारत बायोटेक अगले चार महीने में विकसित की गई वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर देगी। अभी इसका एनिमल ट्रायल चल रहा है। 2020 खत्म होने से पहले यह टीका इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो सकता है।

1920

दुनिया में कोरोना का कहर 
दुनिया में कोरोना का संक्रमण अपने चरम पर है। दुनिया के 210 देशों में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 25 लाख 57 हजार से अधिक है। जबकि अब तक 1 लाख 77 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के संक्रमण से सबसे ज्यादा अमेरिका प्रभावित है। 

2020

अमेरिका में संक्रमति मरीजों की संख्या 8 लाख से अधिक है। जबकि अब तक 45 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, ब्रिटेन में 1 लाख 29 हजार पॉजिटिव मरीज हैं। जबकि 17 हजार 337 लोगों की मौत हो चुकी है। 

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved