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धूम मचा ले: बैंक में फंसा हुआ था पैसा, महिला ने फिल्मी स्टाइल में डाली डकैती-'मैं अपना हक लेने आई हूं'
बेरुत. एक लेबनानी महिला ने बुधवार को बेरूत बैंक को अपने कब्जे मे ले लिया। इसके बाद वो बैंक से कथित तौर पर अस्पताल में भर्ती अपनी बीमार बहन के इलाज के लिए हजारों डॉलर लेकर निकल गई। बॉलीवुड फिल्म 'धूम-3' की स्टाइल में यह बैंक रॉबरी लेबनान(Lebanon) की कैपिटल बेरुत(Beirut) में सामने आई है। स्टंट-थ्रिल इस रॉबरी में भी था, लेकिन फर्क इतना था कि बाद में इसमें इमोशन निकला। बैंक लूटने वाली यह महिला कोई पेशेवर डकैत नहीं थी, बल्कि इस बैंक की एक कस्टमर थी जिसका पैसा इस बैंक में फंसा हुआ है। लेबनान 2019 के बाद से अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। स्थानीय मुद्रा(local currency ) ने अपने मूल्य का 90 प्रतिशत से अधिक ब्लैक मार्केट में बर्बाद कर दिया है। जबकि गरीबी और बेरोजगारी बढ़ गई है। पढ़िए आखिर हुआ क्या था?
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आर्थिक संकट से जूझ रहे लेबनान में बैंकों में डिपोजिटर्स का पैसा फंसा हुआ है: इस महिला ने फुल दबंगई के साथ बैंक लूटा और इसका वीडियो लाइव स्ट्रीम किया। सैली हाफिज(Sali Hafiz) नामक इस महिला का पैसा ब्लॉम बैंक की बेरुत ब्रांच(Beirut branch of Blom Bank) में पिछले तीन सालों से फंसा हुआ है। सैली हाफिज को वीडियो में बैंक कर्मचारियों पर चिल्लाते हुए सुना गया कि उसने बैंक के एंट्रेस को सील कर दिया है।
सैली ने वीडियो में कहा, "मैं सैली हाफिज हूं, मैं आज अस्पताल में मर रही अपनी बहन की जमा राशि लेने आई हूं। मैं किसी को मारने या आग लगाने नहीं आई हूं। मैं अपने हक के लिए का दावा( I came to claim my rights) करने आई हूं।" इस डकैती के बाद एक लोकल ब्रॉडकास्टर के साथ एक इंटरव्यू में हाफिज ने कहा कि उसने अपने परिवार द्वारा जमा किए गए 20,000 डॉलर से लगभग 13,000 डॉलर मुक्त करने में कामयाबी हासिल की है। उसने कहा कि बहन के कैंसर के इलाज में 50,000 डॉलर खर्च होने हैं।
भतीजे की टॉय पिस्टल लेकर आई थी: घटनास्थल पर मौजूद एक मीडिया रिपोर्टर ने कहा कि डकैती के दौरान बैंक के अंदर गैसोलीन डाला गया था, जो एक घंटे से भी कम समय तक चला। इससे बैंक में धुआं फैल गया था। हाफिज ने स्थानीय मीडिया को बताया कि उसने अपने भतीजे की खिलौना पिस्तौल का इस्तेमाल किया था। हाफिज और उसके साथी सिक्योरिटी फोर्स के पहुंचने से पहले बैंक के पिछले हिस्से की खिड़की तोड़कर भागने में सफल रहे।
मामला सुनकर फैमिली शॉक्ड है: बहन ज़ीना ने बताया कि 28 साल की हाफिज एक एक्टिविस्ट और इंटीरियर डिजाइनर हैं। डकैती के बाद से परिवार हाफिज के संपर्क में नहीं था और इस साजिश से उनका कोई लेना-देना नहीं है। यह अलग बात है कि हाफिज का यह अपराध लेबनान में सोशल मीडिया पर एक लोक नायक(folk hero) में बदल गया। कई लोग बैंक से अपनी बचत निकालने के लिए ऐसी ही कोशिशें अंजाम देने की तैयारी करने लगे। ये लोग बैंकों के करप्शन से उग्र हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीर: सोशल मीडिया पर बैंक के अंदर एक डेस्क पर बंदूक लिए खड़ी हाफिज की तस्वीरें और फुटेज वायरल हैं। एक twitter यूजर ने हाफिज के साहस को सलाम करते हुए लिखा-"धन्यवाद। दो हफ्ते पहले मैं ब्लॉम बैंक में रोया था। मुझे सर्जरी के लिए पैसों की जरूरत थी। मैं बंदूक पकड़ने और जो पैसा मेरा है, उसे लेने के लिए बहुत कमजोर हूं।”
पहले भी सामने आ चुका है ऐसा ही मामला: पिछले महीने एक व्यक्ति ने बेरूत बैंक में राइफल लेकर हमला किया था। उसने कर्मचारियों और ग्राहकों को घंटों तक बंधक बनाकर रखा था। वह अपने बीमार पिता के अस्पताल के बिलों का भुगतान करने के लिए जमा बचत में से कुछ $ 200,000 की मांग कर रहा था। उसे भी लोगों का सपोर्ट मिला था। हालांकि उसे हिरासत में लिया गया था, लेकिन तुरंत रिहा कर दिया गया था। जनवरी में भी एक बैंक ग्राहक ने पूर्वी लेबनान में दर्जनों लोगों को बंधक बना लिया था, जब उसे बताया गया था कि वह अपनी विदेशी मुद्रा बचत वापस नहीं ले सकता। स्थानीय मीडिया ने बताया कि ग्राहक को अंततः अपनी बचत में से कुछ दिया गया, तब उसने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।