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ये दो भाई मिलकर चला रहे पूरा देश, बड़ा भाई चौथी बार बना प्रधानमंत्री तो छोटा है राष्ट्रपति
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श्रीलंका में 5 अगस्त को संसदीय चुनाव हुए थे। इसमें राजपक्षे की पार्टी एसएलपीपी ने 225 में से 145 सीटें जीतीं। उनकी सहयोगी पार्टियों को भी 5 सीटें मिलीं।
दोनों भाइयों की सत्ता पर बेहद मजबूत पकड़
पिछले साल नवंबर ने राष्ट्रपति चुनाव में गोटाबाया ने एकतरफा जीत दर्ज की थी। दोनों भाइयों की देश की सत्ता पर पकड़ बेहद मजबूत है। राजपक्षे भाइयों ने लगभग एक दशक पहले श्रीलंका में सक्रिय आतंकी संगठन लिट्टे का सफाया कर दिया था।
चीन से हैं अच्छे संबंध
महिंदा राजपक्षे 2005 में श्रीलंका के राष्ट्रपति बने थे, तब उन्होंने गोटाबाया को रक्षा मंत्रालय का सचिव बनाया था। इसके बाद दोनों भाइयों ने लिट्टे नामक आतंकी संगठन के खिलाफ जमकर सैन्य अभियान चलाए और आतंकी संगठन का नामों निशान तक खत्म कर दिया। राजपक्षे भाइयों के चीन के नेताओं से अच्छे संबंध रहे हैं।
देश के सबसे युवा सांसद रहे महिंदा
महिंदा राजपक्षे ने कोलंबो के लॉ कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की और 24 साल की उम्र में देश के सबसे युवा सांसद बने। इसके बाद राजपक्षे श्रम-मतस्य पालन मंत्री भी रहे। महिंदा साल 2005 से 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रहे हैं।
महिंदा के छोटे भाई गोटाबाया राजपक्षे ने भारत के मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा मामलों में पोस्ट ग्रैजुएशन की पढ़ाई पूरी की और फिर अमेरिका में आईटी पेशेवर के रूप में भी काम किया। गोटाबाया साल 1971 में सेना में भर्ती हुए थे और 2005 में श्रीलंका के रक्षा सचिव बने थे।