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इजरायल की खुफिया एजेंसी ने ईरान में घुसकर लादेन की बहू को किया ढेर, जानिए कैसे काम करती है मोसाद?
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ब्रिटेन के अखबार डेली मेल के मुताबिक, अमेरिका और इजरायल की खुफिया एजेंसी ने ईरान में छिपे अबू मोहम्मद और उसकी बेटी मरियम का पता लगाया। इसके बाद मोसाद के हिट दस्ते ने 7 अगस्त को एक खुफिया मिशन को अंजाम देकर अबू और मरियम को ढेर कर दिया।
22 साल पुराना बदला पूरा किया
अमेरिका के अफसरों के मुताबिक, तेहरान में गुप्त रूप से अबू मोहम्मद और उसकी बेटी को मार गिराया गया था। अमेरिका ने इजरायल को यह जानकारी उपलब्ध कराई थी कि अबू मोहम्मद कहां मिल सकता है। इसके बाद मोसाद के कमांडो ने पूरे मिशन को अंजाम दिया। इसी के साथ अमेरिका ने 22 साल पुराना बदला भी ले लिया।
दरअसल, 1998 में केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर अलकायदा ने भीषण हमले किए थे। इन हमलों में 224 लोग मारे गए थे और कई घायल हो गए थे। अबू मोहम्मद को इन हमलों का मास्टर माइंड माना जाता है। अमेरिकी जांच एजेंसी ने अबू पर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया था।
कैसे दिया मिशन को अंजाम?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अबू 7 अगस्त को बेटी के साथ अपनी कार से कहीं जा रहा था। इसी दौरान दो बंदूकधारियों ने उसकी कार रुकवाई और उसे और उसकी बेटी को गोलियों से भून डाला। इस मिशन में मोसाद के कमांडो ने साइलेंसर लगी बंदूक का इस्तेमाल किया। इस वजह से किसी को हमले की जानकारी भी नहीं हुई।
ओसामा बिन लादेन की बहू थी मरियम
मरियम ओसामा बिन लादेन की बहू थी। उसकी शादी ओसामा के बेटे हमजा बिन लादेन से हुई थी। हमला पहले ही मारा जा चुका है। दरअसल, अबू मोहम्मद 22 साल से ईरान में छिपा था। इस वजह से वह 22 साल से बचा हुआ था।
कैसे काम करती है मोसाद?
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद को दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी माना जाता है। यह ऐसी खुफिया एजेंसी है, जिससे बड़े बड़े आतंकी भी खौफ खाते हैं। दरअसल, इस एजेंसी ने दुनियाभर में कई ऐसे ऑपरेशंस को अंजाम दिया, जिन्हें लगभग नामुमकिन माना जाता है।
मोसाद का गठन 13 नवंबर 1949 को हुआ था। इसका मुख्यालय तेल अवीव शहर में है। मोसाद के बारे में कहा जाता है कि यह अपने दुश्मनों को किसी भी देश में खोजकर मार सकती है। मोसाद ने 1976 में युगांडा में जाकर ऐसे ही ऑपरेशन को अंजाम दिया था। इसमें मोसाद ने बिना अनुमति युगांडा के हवाई अड्डे में घुसकर आतंकियों को मार गिराया था। इसमें 54 इजरायली नागरिकों को छुड़ाया गया था।