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भारत के दोस्त ने की भूख से तड़प रहे पाकिस्तान की मदद, आटा के लिए वहां हो चुकी अब तक 4 मौत
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पाकिस्तान में गेंहू संकट को देखते हुए रूस ने गेंहू की एक बड़ी खेप भेजी है। यह गेंहू कराची पोर्ट पर पहुंच चुका है। पाकिस्तान ने संकट से उबरने के लिए कई देशों से गुहार लगाई है और काफी मात्रा में गेंहू आयात होने की उम्मीद जताया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने घोषणा की है कि गेंहू से लदे दो जहाज कराची पहुंच गए हैं। रूस से अतिरिक्त 4 लाख 50 हजार टन गेहूं ग्वादर बंदरगाह के रास्ते पाकिस्तान पहुंचेगा।
कंगाल हो चुके पाकिस्तान में गेंहू का संकट भारी पड़ता जा रहा है। यहां सबसे खराब स्थिति आटा को लेकर है। किल्लत ऐसी है कि लोग खाने खाने के मोहताज होते दिख रहे हैं। गेंहू के लिए दूकानों पर भारी भीड़ जमा हो रही है। मारा-मारी छीना-झपटी हो रही। भीड़ ऐसी कि जगह जगह उसमें कुचलकर जान गंवा रहे। अबतक एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत आटा या गेंहू खरीदने के दौरान भीड़ में कुचल जाने से हो चुकी है।
दरअसल, पाकिस्तान में लोगों के मुख्य आहार के प्रमुख घटकों में से एक गेहूं का आटा भी है। लेकिन आटा या गेंहू की कीमतें संकट के बीच आसमान छू गई हैं। यहां आटा 140-160 रुपये किलो बिक रहा है।
पाकिस्तान में दो वक्त का भोजन जुटाना अब मुश्किल हो रहा है। यहां के लोगों को दाल-चावल और आटा के लिए भटकना पड़ रहा। कई-कई किलोमीटर दूर जाकर लंबी-लंबी लाइन लगाकर घंटों इंतजार करना पड़ रहा। आलम यह कि 25 से 30 रुपये किलो मिलने वाला आटा इस समय 140 से 160 रुपया किलो में मिल रहा है। चावल, दाल को भी पाकिस्तान की जनता खरीदने की स्थिति में नहीं दिख रही है। मसूर की दाल 250 से 300 रुपये किलो, मूंग 380-400 रुपये प्रति किलो और चना का दाल 220 से 260 रुपये किलो बाजार में हो गया है। आलू 60 रुपये किलो मिल रहा है तो साधारण चावल कम से कम 80 से 120 रुपये किलो बिक रहा है। बासमती चावल की कीमत 380-400 रुपये किलो है। यही नहीं पेट्रोल-डीजल की कीमतें 225 रुपये प्रति लीटर से ऊपर जा चुकी हैं। 30 रुपये से 40 रुपये किलो प्याज आसानी से कुछ दिनों पहले तक मिल जाता था। लेकिन अब रोटी-प्याज तक नसीब में नहीं है। रोटी तो महंगी हुई ही थी, प्याज भी रूला रहा। प्याज की कीमत कम से कम 200 रुपये प्रति किलोग्राम हो चुका है।
पाकिस्तान का खजाना बिल्कुल खाली हो चुका है। जो फॉरेन रिजर्व हैं उनका भी वह उपयोग नहीं कर सकता है। जानकारों के अनुसार, पाकिस्तान के पास इस वक्त सिर्फ 6.7 अरब डॉलर का फॉरेन रिजर्व है। इसमें 2.5 अरब डॉलर सऊदी अरब, 1.5 अरब डॉलर UAE और 2 अरब डॉलर चीन के हैं। ये फंड्स सिक्योरिटी डिपॉजिट हैं। इसके खर्च नहीं किया जा सकता। हालांकि, अगर खर्च भी सरकार करे तो इससे तीन हफ्ते के ही इम्पोर्ट्स किए जा सकते हैं। पुराने कर्ज की किश्तें भी नहीं भरी जा सकतीं। फाइनेंस मिनिस्टर इशहाक डार ने नवंबर में कहा था कि चीन और सऊदी अरब पाकिस्तान को बहुत जल्द 13 अरब डॉलर का नया कर्ज देंगे लेकिन अभी तक नहीं मिला। उधर, कर्ज देने की बजाय चीन ने उल्टा शाहबाज शरीफ से पुराने कर्ज की 1.3 अरब डॉलर की किश्त मांग ली है।
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