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सिर्फ Good News लिखो; सच दिखाने पर Taliban उधेड़ रहा Journalists की चमड़ी, पाकिस्तान भी कुछ कम नहीं
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यह तस्वीर काबुल के दो पत्रकारों (journalist) की है। ये तालिबान सरकार की सच्चाई दिखा रहे थे। इसके बाद तालिबान ने इन्हें हिरासत में ले लिया। इसके बाद प्रताड़ित करते हुए बेदर्दी से पीटा।
यह तस्वीर तालिबान के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स(NRF) का सपोर्ट करने वाले twitter पेज Panjshir_Province पेज पर शेयर की गई है।
यह तस्वीर तालिबान के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स(NRF) का सपोर्ट करने वाले twitter पेज Panjshir_Province पेज पर शेयर की गई है। इसमें लिखा गया कि हेरात में एक प्रदर्शनकारी को तालिबान ने गोली मार दी। तस्वीर में देख सकते हैं कि कैसे युवक की लाश पड़ी हुई थी।
यह तस्वीर उत्तरी अफगानिस्तान के बच्चों की है। वे हाथ में तख्तियां लेकर शांति की मांग उठा रहे हैं। तालिबान के सत्ता में आने के बाद बच्चों के भविष्य पर संकट मंडराने लगा है। यह तस्वीर भी Panjshir_Province पेज पर शेयर की गई है।
Taliban सरकार का सपोर्ट करने वाले twitter पेज Talib times ने एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि अफगानिस्तान की नई सरकार को 11 सितंबर को शपथ दिलाई जाएगी। उसने रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक का हवाला देते हुए कहा कि तालिबान अपनी नई अंतरिम मंत्रिमंडल की शपथ लेने के लिए 9/11 की लोकप्रिय तारीख का उपयोग कर रही है। सूत्रों के मुताबिक रूस, चीन, कतर, तुर्की और पाक को न्योता दिया गया है। बता दें कि 9/11 को अलकायदा के आतंकवादियों ने अमेरिका पर अटैक किया था।
यह तस्वीर तालिबान की सरकार में महिलाओं के राजनीतिक अधिकार की मांग उठाने वाली एक प्रदर्शनकारी महिला नरगिस सद्दात की है। यह तस्वीर कुछ दिन पहले सामने आई थी। नरगिस सद्दात ने आरोप लगाया कि शनिवार को काबुल में महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान तालिबान ने उन्हें पीटा।
पाकिस्तान की सरकार खुलकर तालिबान के समर्थन में आ चुकी है। हालांकि उसका अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों जगह जबर्दस्त विरोध हो रहा है। इस बीच पाकिस्तान ने तालिबान की देखा-देखी अपने यहां भी कई पाबंदियां लगाना शुरू की दी हैं। इमरान खान की सरकार ने टीचर्स के जींस पहने पर रोक लगाने का विरोध हो रहा है। इमरान सरकार ने फेडरल डायरेक्टोरेट एजुकेशन (FDE) के माध्यम से 7 सितंबर को इस संबंध में एक फरमान जारी किया था। इसमें कहा गया है- FDE ने रिसर्च में पाया कि पहनावे का असर लोगों के जेहन पर उनकी समझ से कहीं ज्यादा होता है।