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कोरोना के बाद चीन से फैल रहा नया वायरस, कीड़े के काटने से हो जा रहा ऐसा हाल, जानें लक्षण
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टिक-जनित वायरस के कारण थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (एसएफटीएस) के साथ गंभीर बुखार ने चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता को बढ़ा दिया है। चीन की लोकल मीडिया के मुताबिक बड़ी संख्या में पूर्वी चीन के जियांग्सू और अनहुई प्रांतों में इस वायरस से लोग संक्रमित हुए हैं।
रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि यह जानलेवा वायरस टिक नाम के कीड़े के काटने की वजह से मनुष्यों में फैल रहा है। चीनी वायरस विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है और कहा कि ये वायरस मनुष्य से मनुष्य को फैल सकता है। SARS-CoV-2 के विपरीत, यह पहली बार नहीं है जब SFTS वायरस ने लोगों को संक्रमित किया है। हालिया मामलों की स्थिति केवल बीमारी के फिर से उभरने का प्रतीक है।
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम वायरस (एसएफटीएसवी) के साथ गंभीर बुखार इस वायरस से संबंधित है और टिक के काटने के बाद यह उससे मनुष्यों में पहुंच रहा है। वायरस की पहचान सबसे पहले चीन में शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक दशक पहले की थी। 2009 में हुबेई और हेनान प्रांतों के ग्रामीण क्षेत्रों में पहले ऐसे कुछ मामले सामने आए थे।
रिसर्चर्स की टीम ने समान लक्षणों वाले लोगों के एक समूह से प्राप्त खून के नमूनों की जांच करके वायरस की पहचान की थी। एक रिपोर्ट के अनुसार कहा जा रहा है कि वायरस संक्रमित लोगों में 30 फीसदी मरीजों की मौत हो सकती है। रोग नियंत्रण और रोकथाम के लिए चीन के सूचना प्रणाली के अनुसार, वर्तमान मामले में मृत्यु दर लगभग 16 से 30 प्रतिशत के बीच है।
जिस दर पर यह फैलता है और इसकी उच्च घातकता दर के कारण, एसएफटीएस को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा शीर्ष 10 प्राथमिकता वाले रोगों के ब्लू प्रिंट में सूचीबद्ध किया गया है।
वायरोलॉजिस्ट का मानना हैं कि एक एशियाई टिक जिसे हेमाफिसलिस लॉन्गिकोर्निस कहा जाता है, वायरस का प्राथमिक वेक्टर या वाहक है। यह बीमारी मार्च और नवंबर के बीच फैलने के लिए जानी जाती है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि अप्रैल और जुलाई के बीच संक्रमण की कुल संख्या आमतौर पर सबसे ज्यादा होती है।