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प्राइवेट पार्ट में मिर्च डाल करते हैं टॉर्चर, मुस्लिम महिलाओं पर चीन के जुल्म से कांप जाएगी रूह
शिनजियांग. देश-दुनिया में शरणार्थियों के हालात पर हमेशा खबरें सामने आती रहती हैं। चीन अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन सभी देशों में शरणार्थी पाए जाते हैं। पर चीन में मुस्लिम शरणार्थियों के साथ अत्याचार की हदें पार की जा रही हैं। इंटरनेशनल मीडिया में साल 2017 के बाद से लगातार चीन के उइगर, कजाक, वीगर समुदाय के मुसलमानों के साथ बर्बता की रिपोटर्स दी हैं। डिटेंशन सेंटर से भागी महिलाओं के साथ चीनी सैनिक टॉर्चर करते हैं, उनके गुप्तांगों में लाल मिर्च का लेप लगाया जाता है, मुस्लिमों की पैदाइश को रोकने के लिए महिलाओं के गर्भाशय निकाले जाते हैं, गर्भपात करवाए जाते हैं।
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इन खबरों में लगातार चीनी सैनिकों द्वारा उइगर मुस्लिम महिलाओं के साथ की जाने वाली दरिंदगी के बारे में बताया गया है। साल 2019 में चीन के डिटेंशन सेंटर से भागकर दुनिया के सामने आने वाली मुस्लिम महिलाओं ने इन कैंपों की हकीकत का खुलासा किया।
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उन्होंने विदेशों में शरण पाने के बाद बताया है कि कैसे चीन के यातना कैंपों में उनके साथ बलात्कार होते थे, उनके गर्भपात कराए जाते थे और भयावह तरीके से उनकी नसबंदी होती थी।
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डेलीमेल की एक रिपोर्ट में ऐसी ही दो महिलाओं ने खौफनाक आपबीती सुनाई है। मुस्लिम महिलाओं में एक रुकैया परहेट हैं और दूसरी गुलजिरा मॉगदिन। रुकैया को साल 2009 में शिनजियांग में हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद उन्होंने 4 साल तक चीनी अधिकारियों की प्रताड़ना झेलीं, आज वो तुर्की में हैं।
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रुकैया बताती हैं कि चीन में हर औरत का बलात्कार किया जाता है। कैंप के गार्ड जिसके साथ रात गुजारना चाहते हैं, उसके सिर पर बैग रखते हैं और फिर खींचते हुए बाहर ले जाते है। फिर पूरी रात उसका बलात्कार होता है।
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रुकैया का दावा है कि चीन में गिरफ्तारी के दौरान जो महिलाएं गर्भवती होती हैं, उनका बर्बता से गर्भपात करवा दिया जाता है।
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रुकैया के अलावा इस कैंप से भागकर कजाकिस्तान में शरण लेने वाली गुलजिरा मॉगदिन भी बताती हैं कि इन कैंपों में भयंकर तरीके से गर्भपात किया जाता है। वे अपना अनुभव साझा करते हुए कहती हैं कि उनके भ्रूण को बिना एनेस्थेसिया दिए चीर दिया गया था।
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चीन के इन कैंपों में मुस्लिम महिलाओं के साथ दरिंदगी होती है। डिटेंशन सेंटर में रहने वाली महिलाओं को टॉर्चर किया जाता है। वे ज्यादा मुस्लिम बच्चे न पैदा करें इसलिए नसंबदी कर दी जाती है।
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अगर कोई महिला सेंटर से भागती है तो उसके प्राइवेट पार्ट्स पर मिर्ची का पेस्ट लगाकर चीखें सुनी जाती हैं। इन कैंपों में प्रताड़ना झेल चुके पूर्व बंदियों ने बताया था कि उइगर मुस्लिमों को वहां सुअर का मांस जबरन खिलाया जाता ताकि वे इस्लाम से नफरत साबित करें और सच्चे चीन बनें।
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ये सुनने में जितना भयानक लगता है चीनी प्रसाशन इसे बिल्कुल सामान्य कार्रवाई बताता है। इतनी क्रूरता का वीडियो सहित खुलासा होने के बाद भी चीनी सरकार अपने अधिकारियों की हरकतों को एक टास्क बताती है।
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यहां मुस्लिम शरणार्थियों को बंदी या कैदी की तरह रखा जाता है, उन सभी के सर मुंडे हुए, आंखें काली पट्टी से ढकी हुई और हाथ बांधकर रखे जाते हैं।
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