सार

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हिसार से भाजपा विधायक डॉ. कमल गुप्ता को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। कमल गुप्ता ने संस्कृत में शपथ ली। जननायक जनता पार्टी के विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने हिंदी में शपथ ली। इसी के साथ शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ।

चंडीगढ़ : हरियाणा (Haryana) में दो साल बाद मंगलवार को पहला मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को अपनी मंत्रिपरिषद का विस्तार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जननायक जनता पार्टी (JJP) के एक-एक विधायक को इसमें शामिल किया। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हिसार से भाजपा विधायक डॉ. कमल गुप्ता को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। कमल गुप्ता ने संस्कृत में शपथ ली। जननायक जनता पार्टी के विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने हिंदी में शपथ ली। इसी के साथ शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ। शपथ ग्रहण के बाद देवेंद्र सिंह बबली और कमल गुप्ता ने सीएम मनोहर लाल, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता का अभिवादन किया।

अब 14 हुई मंत्रियों की संख्या
दो विधायकों के शपथ लेने के बाद, मुख्यमंत्री सहित मंत्रिपरिषद में सदस्यों की संख्या 14 हो गई, जो कि ऊपरी सीमा भी है। मंगलवार को हुए मंत्रिपरिषद विस्तार के बाद, भाजपा के मुख्यमंत्री सहित 10 मंत्री हैं और जजपा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सहित तीन मंत्री हैं, जबकि रंजीत सिंह चौटाला मंत्री के रूप में शामिल एकमात्र निर्दलीय विधायक हैं। अक्टूबर 2019 के चुनाव में भाजपा को राज्य विधानसभा की 90 सीटों में से 40 सीट मिली थीं, लेकिन बहुमत नहीं मिला था। बाद में उसने JJP के साथ चुनाव बाद गठबंधन किया, जिसके 10 विधायक हैं। भाजपा ने JJP विधायकों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई थी।

विभागों में हो सकता है बदलाव
नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के साथ ही अन्य मंत्रियों के विभागों में थोड़ा-बहुत फेरबदल हो सकता है। भाजपा कोटे के मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं। भाजपा कोटे से बनने वाले कैबिनेट मंत्री को बड़ा विभाग मिल सकता है। वहीं JJP कोटे से बनने वाले मंत्री को उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के विभागों में से ही एक-दो विभाग दिए जाने की चर्चाएं हैं।

ये नाम भी रेस में थे
शपथ लेने वाले कमल गुप्ता संघ के साथ ही प्रदेश भाजपा नेतृत्व की भी पसंद हैं। उनका मुखर वक्ता होना पक्ष में गया। JJP की तरफ से देवेंद्र बबली के अलावा विधायक रामकुमार गौतम, अमरजीत ढांडा और ईश्वर सिंह का नाम चर्चा में था। ईश्वर सिंह के बेटे को JJP कोटे से चेयरमैन बनाया जा चुका है। ढांडा और गौतम पद की रेस में पिछड़ गए। जोगी राम सिहाग को सरकार चेयरमैन बना चुकी है, लेकिन किसान आंदोलन के कारण उन्होंने पद नहीं स्वीकारा था।

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