सार
इस विस्तार में दो नए मंत्री बनेंगे। एक मंत्री जननायक जनता पार्टी के कोटे से बनना है और दूसरा मंत्री भाजपा के कोटे से बनाया जाना है। जननायक जनता पार्टी के कोटे से टोहाना के विधायक देवेंद्र बबली का नाम तय है। उन्हें खाद्य एवं आपूर्ति विभाग दिया जा सकता है।
चंडीगढ़ : हरियाणा (Haryana) में मंगलवार को मंत्रिमंडल विस्तार होने जा रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal Khattar) के नेतृत्व वाली भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में यह विस्तार करीब सवा दो साल बाद होने जा रहा है। इस विस्तार में दो नए मंत्री बनेंगे। एक मंत्री जननायक जनता पार्टी के कोटे से बनना है और दूसरा मंत्री भाजपा के कोटे से बनाया जाना है। जननायक जनता पार्टी के कोटे से टोहाना के विधायक देवेंद्र बबली का नाम तय है। उन्हें खाद्य एवं आपूर्ति विभाग दिया जा सकता है। अभी तक यह विभाग उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) के पास है। शाम 4 बजे राज्य मंत्रिमंडल के नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण हो सकता है। यह जानकारी सीएमओ की तरफ से दी गई है।
भाजपा कोटे से ये बन सकते हैं मंत्री
भाजपा कोटे से मंत्री बनाए जाने के लिए चार नाम चर्चा में हैं। सबसे पहला नाम है विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का, जिन्हें स्पीकर से पद से अलग कर कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। अगर ज्ञानचंद गुप्ता मंत्री बनते हैं तो विधानसभा के बजट सत्र से पहले होने वाले स्पेशल सत्र में नए स्पीकर का चयन किया जा सकता है। इसके साथ ही हिसार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता का नाम मंत्री पद के लिए लंबे समय से चल रहा है। पलवल के विधायक दीपक मंगला का नाम भी मंत्री पद के लिए खूब चर्चा में है। वैश्य कोटे से दीपक मंगला सीएम की पहली पसंद हो सकते हैं, जबकि ज्ञानचंद गुप्ता केंद्रीय नेताओं की पसंद माने जा रहे हैं।
ऐसा हो सकता है मंत्रिमंडल
बता दें कि 90 सदस्यीय विधानसभा में 14 मंत्री हो सकते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल समेत कैबिनेट में अभी तक 12 मंत्री हैं। जजपा कोटे से डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और पुरातत्व एवं अभिलेखागार राज्य मंत्री अनूप धानक कैबिनेट में शामिल हैं। मंत्रिमंडल विस्तार के साथ कुछ मंत्रियों की छुट्टी की भी चर्चा है, लेकिन इस बात की संभावना काफी कम है। अगर किसी मंत्री को हटाने की बात आई तो समाज कल्याण राज्य मंत्री ओमप्रकाश यादव को मंत्री पद से हटाया जा सकता है। तब नांगल चौधरी के भाजपा विधायक डॉ. अभय सिंह यादव को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
2024 विधानसभा चुनाव पर फोकस
दरअसल, किसान आंदोलन के दौरान बीजेपी-जेजेपी की सरकार के मंत्रियों को विरोध का सामना करना पड़ा था। अब कैबिनेट विस्तार के जरिए राज्य सरकार की कोशिश साफ छवि पेश करने की होगी। इस मंत्रिमंडल में देखने वाली बात होगी कि किस नेता को कौन-सा विभाग दिया जाता है। कहा जा रहा है कि इस मंत्रिमंडल में 2024 के विधानसभा के चुनावों को भी मद्देनजर रखा जा सकता है। इसके साथ ही आने वाले समय में प्रदेश बीजेपी के सीनियर नेता आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर एक्टिव होते दिखाई देंगे।
दिसंबर के शुरुआत में ही मंथन
बता दें कि मुख्यमंत्री के साथ कई विधायकों ने भी मुलाकात की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंत्रियों से फीडबैक लेने के साथ ही सीएम खट्टर ने उनके रिपोर्ट कार्ड को लेकर भी बातचीत की। रिपोर्ट के मुताबिक मंत्री पद के लिए बीजेपी के बहुत से नेता लाइन मे हैं। दिसबंर महीने की शुरुआत में ही मंत्रिमंडल को लेकर मंथन शुरू हो गया था। उनके आवास पर कई मंत्रियों और विधायकों ने मुलाकात की थी। जिसके बाद एक बार फिर से मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर अटकलें तेज हो गई थीं। उस दौरान सीएम खट्टर ने मंत्रियों से फीडबैक लेने के साथ ही उनके रिपोर्ट कार्ड को लेकर भी बातचीत की थी।
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