सार

मंगलवार को यूक्रेन से यमुनानगर लौटी एमबीबीएस की छात्रा दमन प्रीत कौर ने वहां के हालात बयां किए। उसने बताया कि युद्ध के दौरान स्टूडेंट्स की जान मुश्किल में है। छात्र दुबकर बैठे हैं और खाने-पीने तक का संकट देखने को मिल रहा है।

यमुनानगर। रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है। ऐसे में यूक्रेन में पढ़ने गए कई भारतीय छात्र और अन्य लोग वहां फंसकर रह गए हैं। हालांकि भारत सरकार ने उन्हें सकुशल लाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। कई फ्लाइट्स स्टूडेंट्स को लेकर लौट रही हैं। लेकिन, अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे स्टूडेंट्स वहां फंसे हुए हैं जो भारत लौटना चाहते हैं। उनके लिए अभी व्यवस्था नहीं हो पाई है। 

मंगलवार को यूक्रेन से यमुनानगर लौटी एमबीबीएस की छात्रा दमन प्रीत कौर ने वहां के हालात बयां किए। उसने बताया कि युद्ध के दौरान स्टूडेंट्स की जान मुश्किल में है। छात्र दुबकर बैठे हैं और खाने-पीने तक का संकट देखने को मिल रहा है। कोई बाहर तक नहीं निकल पा रहा है। युद्ध के दौरान परेशानी के हालात से हर कोई जूझ रहा है। सभी स्टूडेंट्स भारत लौटना चाहते हैं। उनकी आंखों में साफतौर पर डर और दहशत का माहौल है। बंकरों में छिपकर बैठे हैं।

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सरकार से सभी बच्चों को वापस लाने की अपील
दमन प्रीत कौर ने ये भी बताया कि भारत सरकार और भारतीय दूतावास ने उनकी मदद की और उन्हें सकुशल यहां पहुंचाया। छात्रा के पिता सरदार सुखविंदर सिंह का कहना है कि वह भारत सरकार, यूक्रेन विश्वविद्यालय और भारतीय दूतावास का धन्यवाद करते हैं। जिन्होंने उनकी बेटी को सकुशल भारत लाने में मदद की। उन्होंने कहा कि वहां रह रहे सारे बच्चे हम सबके हैं और उन बच्चों को वापस लाना लाने के लिए वह सरकार से अपील कर रहे हैं। 

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अब ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है
उन्होंने कहा कि मां-बाप के लिए बच्चे सबसे पहले होते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गई थी। उसने पहला सेमेस्टर पूरा कर लिया था। लेकिन हालात खराब होने के बाद पढ़ाई ऑनलाइन कर दी गई। इसी दौरान उन्होंने 5 मार्च की टिकट बुक कराई थी, लेकिन युद्ध शुरू हो गया और बच्चे वहीं फंस गए। जिसके लिए भारत सरकार ने जोरदार प्रयास किए, इसके लिए वह सरकार को धन्यवाद देते हैं।

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यमुनानगर में कंट्रोल सेंटर बनाया गया
हरियाणा के यमुनानगर में प्रशासन की ओर से कंट्रोल सेंटर बनाया गया, जिसमें यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट्स का डाटा तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही अभिभावकों के साथ तालमेल किया जा रहा है। इस तरह के सेंटर हरियाणा में लगभग सभी जिलों में बनाई गई है।

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