सार

लगातार एक जगह माइनिंग होने से नदी का कटाव बढ़ जाता है। इससे तट और यमुना नदी के किनारे की जमीन में जबरदस्त कटाव हो जाता है। बरसात के दिनों में जब भी नदी में बाढ़ आती है तो कटाव बहुत तेज होता है। 

चंडीगढ़। हरियाणा और यूपी की सीमा के साथ लगती यमुना नदी में इन दिनों माइनिंग माफिया ने हैवी मशीनों से माइनिंग तेज कर दी है। क्योंकि यूपी सरकार और पुलिस चुनाव में व्यस्त है, इसलिए माफिया को मनमानी करने का मौका मिल रहा है। हरियाणा के पानीपत जिले के साथ यूपी के शामली जिले का कैराना कस्बा भी लगता है। यहां पर माइनिंग माफिया ने यमुना नदी में आतंक मचा रखा है। 

यमुना जियो अभियान के सदस्य भीम सिंह रावत ने बताया कि स्थिति यह है कि दिनभर यमुना नदी में माइनिंग चल रही है। उन्होंने बताया कि माइनिंग माफिया के गुंडे रास्तों पर पूरा दिन निगरानी करते हैं। हैवी मशीनों से चलते पानी में माइनिंग हो रही है। क्योंकि चलते पानी में माइनिंग होने से खाई दिखती नहीं है। लेकिन इससे नदी और पर्यावरण को बहुत नुकसान होता है। 

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बहते पानी में माइनिंग से ईको सिस्टम होता है प्रभावित
अहसान सैफी ने बताया कि लगातार एक जगह माइनिंग होने से नदी का कटाव बढ़ जाता है। इससे तट और यमुना नदी के किनारे की जमीन में जबरदस्त कटाव हो जाता है। बरसात के दिनों में जब भी नदी में बाढ़ आती है तो कटाव बहुत तेज होता है। चलते पानी में माइनिंग इसलिए भी नुकसानदायक है, क्योंकि इससे नदी की प्राकृतिक जलधारा मुड़ जाती है। इसका असर नदी के ईको सिस्टम पर पड़ता है। इसलिए दरिया में माइनिंग का नियम है कि चलते पानी में माइनिंग नहीं होगी। मगर यूपी में चुनाव है, इसलिए पुलिस इस ओर ध्यान नहीं दे पा रही है। 

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अवैध माइनिंग से नदी को किया जा रहा छलनी
यमुना के लिए काम कर रहे नदी मित्र मंडली के सदस्य अशोक कुमार ने बताया कि उन्होंने पुलिस व माइनिंग विभाग को इसकी शिकायत की। अभी तक इस दिशा में कुछ नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि सुबह ही हैवी मशीन नदी में माइनिंग के लिए उतर जाती है। देर शाम तक रेत निकालने का काम चल रहा है। अशोक कुमार ने बताया कि यह पूरी तरह से अवैध माइनिंग है। इससे नदी को खतरा पैदा हो रहा है। इसके साथ ही जिस तरह से नदी की धारा को मोड़ने का काम हो रहा है, इससे नदी रास्ता भी बदल सकती है। जो भविष्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक साबित हो सकता है।

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विरोध करने पर माइनिंग माफिया धमकाते हैं, अंजाम भुगतने की देते हैं चेतावनी
मुस्तकीम मल्लाह ने बताया कि इससे पहले भी ऐसा हुआ था, जब अवैध माइनिंग ने नदी ने अपना रास्ता बदल लिया था। तब अरबों रुपए की उपजाऊ जमीन का कटाव हो गया था। उन्होंने बताया कि नदी के तट पर खेती करने वाले किसान परेशान है। यदि वह इस संबंध में आवाज उठाते हैं तो उन्हें माइनिंग माफिया के गुंडे धमकाते हैं। जान से मारने की धमकी देने समेत अंजाम भुगतने की धमकी भी दी जा रही है। इस वजह से वह अपनी आंखों के सामने ही नदी की प्राकृतिक संपदा को तो लूटता हुआ देखने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

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