सार

मौसम के बदलाव के साथ ही डेंगू (Dengue) का प्रकोप बढ़ रहा है। एक्सपर्ट्स ने खुलासा किया कि, यह प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए घातक है। ऐसे में इससे बचने के लिए अपनाएं ये टिप्स।

हेल्थ डेस्क :  इन दिनों मौसम में बदलाव के साथ ही डेंगू (Dengue) का प्रकोप बढ़ रहा है। कई राज्यों जैसे- दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा, तमिलनाडु और केरल डेंगू के सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में डॉक्टर्स ने इसे लेकर खुलासा किया कि ये प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बहुत खतरनाक है। शुक्रवार को एक मीडिया से बात करते हुए स्त्री रोग विशेषज्ञों ने कहा कि अगर गर्भवती महिलाएं डेंगू से संक्रमित हो जाती हैं, तो संभावना है कि भ्रूण विकास (आईयूजीआर) रुक सकता है और उसका वजन कम हो सकता है। आइए आपको बताते हैं, कैसे ये गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है और इससे बचाव के टिप्स...

भ्रूण के लिए घातक है डेंगू
डेंगू वायरस (DENV) मनुष्यों में बुखार और गंभीर रक्तस्रावी लक्षणों का कारण बनता है। डेंगू वायरस सीरोटाइप -2 और ज्यादा घातक है। वेक्टर जनित रोग एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है और खतरनाक है क्योंकि संक्रमित मां भ्रूण को संक्रमण कर सकती है। गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करने वाले डेंगू बुखार के साथ, भ्रूण विकास रोक सकता है। डॉक्टर्स का कहना है कि डेंगू से पीड़ित गर्भवती महिलाओं की डिलेवरी कभी-कभी समय से पहले हो जाती है और बच्चे जो पैदा होते हैं, उनमें श्वसन प्रणाली, तंत्रिका संबंधी या पाचन संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। कभी-कभी गंभीर मामलों में तो भ्रूण की मृत्यु हो सकती है।

बताया जाता है कि डेंगू या तेज बुखार से भ्रूण के आसपास एमनियोटिक द्रव में कमी हो जाती है और यह भ्रूण के स्वास्थ्य पर खराब प्रभाव डाल सकता है। डेंगू से पीड़ित गर्भवती महिलाओं को कभी-कभी ज्यादा तकलीफ हो सकती है, जिसमें ब्लीडिंग के साथ ही फेफड़ों में समस्या और सांस लेने में परेशानी हो सकती है। डेंगू बुखार के साथ, कुछ गर्भवती महिलाओं को पेट और पित्ताशय की थैली के पास तेज दर्द हो सकता है। यह पित्ताशय की थैली की सूजन भी पैदा कर सकता है। 

डेंगू से बचाव
डेंगू का खतरा सबसे ज्यादा गंदगी वाली जगह में होता है। ऐसे में अगर आपके आसपास कचरे का ढेर लगा है तो उसको डिस्पोज करें। खासकर सॉलिड वेस्ट को जला दें या उसे घर से दूर डंप करवा दें।
- घरों के आसपास किसी भी जगह पानी एकत्रित नहीं होना चाहिए, क्योंकि इसमें डेंगू का मच्छर पनपता है। अपने बगीचे, छत या आसपास के जगह खुले कंटेनर को ढक दें। खाली बर्तनों को भी खुला ना रखें।
- पानी की टंकी, बाल्टी या ऐसी अन्य जगह जहां पर आपको पानी रखना पड़ता है, उसे समय-समय पर साफ करते रहें। जितना हो सके साफ पानी का इस्तेमाल करें और पानी को इकट्ठा करने से बचें।
- जब भी घर से बाहर निकले तो मच्छरों का स्किन से संपर्क ना हो ऐसे में फुल स्लीव्स के कपड़े पहने और पैरों को अच्छे से ढककर रखें, क्योंकि डेंगू का मच्छर घुटनों के नीचे काटता है।
- मच्छर को भगाने वाली दवा जैसे स्प्रे, क्रीम और जेल का इस्तेमाल करें। 
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करें। आपके घर के दरवाजे और खिड़कियों पर नेट की जाली लगी हो और अगर ऐसा नहीं है तो आप दरवाजे-खिड़कियों को शाम के समय हमेशा बंद रखें।
- कोशिश करें कि जिन जगहों पर डेंगू का लार्वा मिला है, वहां पर ना जाएं, क्योंकि ऐसी जगह डेंगू होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। 

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