सार
महिलाओं के शरीर की बनावट कुछ ऐसी है कि आए दिन उन्हें किसी ना किसी समस्या का सामना करना पड़ता है। ब्रेस्ट से जुड़ी तीन समस्याओं को महिलाएं आए दिन फेस करती हैं। लेकिन इससे घबराने की बजाए बचाव और उपचार पर फोकस करना चाहिए।
हेल्थ डेस्क. महिलाओं के ब्रेस्ट के ऊपर बाल निकलना या फिर दाने होना सबकुछ नॉर्मल है। लेकिन इसे लेकर वो काफी परेशान रहती हैं। चूकी ब्रेस्ट महिला के शरीर का सबसे सेंसिटिव हिस्सा होता है। जिसकी वजह से वो इससे जुड़ी परेशानियों को साझा करने से भी बचती हैं। स्तन पर होने वाली ज्यादातर समस्या आम होती है और इसका इलाज भी होता है। चलिए हम आपको बताते हैं स्तन से जुड़ी तीन समस्या और उसका उपचार।
1. ब्रेस्ट पर उभरे दाने या पिम्पल्स
ब्रेस्ट के उपर दानें या पिम्पल्स अक्सर महिलाओं की शिकायतों में से एक होती है। निप्पल और एरोला के पास दाने निकल आते हैं। हालांकि कुछ उपाय के जरिए इसे दूर किया जा सकता है। लेकिन इसके बाद भी ये ठीक नहीं होते हैं तो फिर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ब्रेस्ट पर दाने ना हो इसके लिए हमेशा ढीले-ढाले कपड़े पहने। ब्रा और शर्ट को धोकर धूप में सुखाएं। कई लोगों की आदत होती है कि वो अंडरगार्मेंट को बाथरूम में ही सूखाते हैं। बाहर सूखाने में शर्मिंदगी महसूस होती है। ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए क्योंकि कपड़े में मौजूद रोगाणु बने रहेंगे और स्किन से जुड़ी बीमारी देंगे। इसके अलावा मेडिकेटेंड बॉडीवॉश करें।
दानों से बचने के लिए कुछ सुझाव अपना सकती हैं-
-कसरत के दौरान साफ कपड़े पहनें
-पसीना पोंछने के लिए साफ कपड़े का इस्तेमाल करें
-मुंहासे वाले एरिया को सैलिसिलिक एसिड पैड से क्लीन करना
-कसरत के तुरंत बाद नहाएं और स्तन को साफ करें
2.ब्रेस्ट पर बाल होना
ब्रेस्ट पर बाल होना भी महिलाओं को परेशान करती है। हार्मोनल चेंज की वजह से स्तन पर बाल निकल आते हैं। कुछ युवतियों को यौवन काल में ये निकल आते हैं। जबकि कुछ को प्रेग्नेंसी के बाद। हालांकि इससे परेशान होने की जरूरत नहीं होती है। आप इसे आसानी से हटा सकते हैं। वैक्स, प्लकिंग,रेजर या फिर रेजर ट्रीटमेंट भी करा सकती हैं। हालांकि प्रेग्नेंट महिलाओं को रेजर से बचना चाहिए, क्योंकि रेजर करने के बाद बाल कड़े निकलते हैं। जिससे स्तनपान करने में बच्चों को तकलीफ हो सकती है।
3. स्तन एक्जिमा
स्तन एक्जिमा में त्वचा शुष्क हो जाती है। खुलजील होती है और स्तन का स्वरूप बिगड़ जाता है। यह निपल्स के आस पास डार्क एरिया में, स्तनों के बीच, स्तन के नीचे या किनारे हो सकता है। एक्जिमा स्किन बैरियर फंक्शन को इफेक्ट करता है। जिसकी वजह से त्वचा ज्यादा संवेदनशील हो जाती है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
पगेट की स्तन एक्जिमा से कैंसर हो सकता है। इसमें निप्पल की त्वचा शामिल होती है जो एरोला तक फैल सकती है। इसके लक्षण कुछ ऐसे होते हैं-
-निप्पल के एरिया में खुजली और झुनझुनी का होना
-रूखी या मोटी त्वचा, या परतदार स्किन
-चपटा या मुड़ा हुआ निप्पल
-निप्पल की त्वचा में पीला या फिर खूनी रिसाव
हालांकि एक्जिमा बहुत आम हैं। लेकिन अगर इसका इलाज नहीं किया जाए तो गंभीर बीमारी का रूप ले सकती हैं। इसलिए जब भी आपको एक्जिमा की शिकायत हो डाक्टर से संपर्क करके उचित मेडिसिन लेने की जरूरत होती है।
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