सार
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 में महिलाओं के स्वास्थ्य और वजन को लेकर कई तरह की बातें सामने आई। हेल्थ के पैमाने पर मध्य प्रदेश की औरतों ने बाजी मारी है। जबकि अन्य राज्यों की महिलाओं की स्थिति सही नहीं है।
हेल्थ डेस्क:घर और बाहर के कामकाज में महिलाएं इस कदर डूब जाती हैं कि उन्हें अपनी हेल्थ की फिकर नहीं रहती है। जिसकी वजह से मोटापे के साथ-साथ उन्हें बीमारी घेर लेती है। हाल ही में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 हुआ। इस सर्वे में कद-वजन के साथ कमर-कूल्हे का अनुपात (डब्ल्यूएचआर) मापा गया। अलग-अलग राज्यों में की गई सर्वे में मध्य प्रदेश की औरतों का प्रतिशत अच्छा था।
मध्य प्रदेश की महिलाओं में यह अनुपात सबसे कम 40 प्रतिशत था। जबकि जबकि जम्मू कश्मीर की औरतों में यह सबस अधिक 88 प्रतिशत निकला। मतलब मध्य प्रदेश की औरते अन्य राज्यों की तुलना में फिट है। बीएमआई इंडेक्स के मुताबिक बिहार-झारखंड की महिलाएं सबसे ज्यादा दुबली थी। इनका प्रतिशत 26 है। वहीं गुजरात की 25 प्रतिशत महिलाएं दुबली थीं। पंजाब और दिल्ली की 41 प्रतिशत महिलाएं ओवरवेट का शिकार हैं।
दौलतमंद महिलाएं फिटनेस में पीछे
वहीं इस सर्वे में मोटापे और दौलत का कनेक्शन भी दिखा। देश में दौलतमंद वर्ग की महिलाएं 10 प्रतिशत फिट है। जबकि कम दौलत रखने वाले परिवार की महिलाएं ज्यादा फिट है। इनकी संख्या 28 प्रतिशत है।
उम्र बढ़ने के साथ कमर-कूल्हे का वजन बढ़ता है जो सेहत के लिए ठीक नहीं होता है। 15 से 19 साल की 46% युवतियों में यह जोखिम है। जबकि 40 से 49 आयु वर्ग में यह 65% तक पहुंचा गया है। गांवों के मुकाबले शहरों में महिलाओं में ज्यादा ये खतरा पाया गया है। गांव में यह 55 प्रतिशत है जबकि शहर में 60 प्रतिशत।
उम्र के साथ फिटनेस में गिरावट
वहीं उम्र के सात महिलाओं की फिटनेस भी गिरती जा रही है। सर्वे के मुताबिक, 15 से 19 साल की आयु वाली 40 प्रतिशत लड़कियां फिट है। जबकि 40 से 49 के आयु वर्ग में सिर्फ 9 प्रतिशत महिलाएं फिट है। गांवों में फिट महिलाएं 21%, शहरों 13% के मुकाबले अधिक पाई गईं। ओवरवेट की बात करें तो शहरों में 33 प्रतिशत महिलाएं ओवरवेट हैं। जबकि 20 प्रतिशत गांव की है।
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