सार
लीवर हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। यह रक्त में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और जो हम खा रहे हैं, उसे पचाने में मदद करता है। अगर यह बीमार हुआ तो समझिए शरीर में बड़ा नुकसान होने वाला है। इसलिए कुछ संकेतों पर नजर रखिए और जैसे ही ये नजर आएं तो इनकी अनदेखी मत किजिए।
नई दिल्ली। शरीर में लीवर कितना महत्वपूर्ण अंग है, यह शायद आप भी बेहतर तरीके से जानते होंगे। फिर भी हम बता देते हैं इसकी अहमियत क्या है। दरअसल, जो आप खाते हैं उसके पाचन के लिए पित्त रस का उत्पादन हो या फिर आपके शरीर में मौजूद खून से गैर जरूरी और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना हो, लीवर का काम बेहद महत्वपूर्ण है। अगर यह बीमार यानी खराब हुआ तो समझिए आप पर शारिरिक रूप से तगड़ी विपत्ती आने वाली है, इसलिए लीवर खराबी को लेकर शरीर में कोई बदलाव दिख रहे है, चेतावनी समझ में आ रही है, तो बिल्कुल अलर्ट हो जाइए और बिना समय गवाएं डॉक्टर से मिलिए।
लीवर पेट के ऊपरी हिस्से में दायी ओर होता है। यह शरीर में मेटाबॉलिज्म और सिंथेटिक प्रॉसेस में एक्टिव होता है। अगर यह खराब हुआ तो मतलब समझिए शरीर पर कोई विपत्ति आने वाली है। मगर समय रहे इसके स्वास्थ्य पर ध्यान दिया गया तो समझिए आप खुद को स्वस्थ्य रख रहे हैं और इसके लिए आप कुछ संकेतों और चेतावनी पर नजर रखिए।
त्वचा से जुड़ी समस्याएं
लीवर अगर नॉर्मल नहीं है तो आपको त्वचा से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। यदि आपको लगातार खुजली की शिकायत हो रही है। या स्किन परतदार हो रही है तो यह बीमार लीवर की चेतावनी है। एक्सपर्ट के अनुसार, लीवर में कोई दिक्कत होती है तो यह त्वचा में समस्याएं पैदा करती है।
भूख नहीं लगना या कम लगना
लीवर जो पित्त रस बनाता है, वह आपके द्वारा खाए गए भोज्य पदार्थों को पचाने में मददगार साबित होता है। अगर लीवर बीमार होता है तो पूरी प्रक्रिया बिगड़ जाती है। इससे भूख कम लगती है। वजन कम होने लगता है। पेट दर्द होता रहता है और अक्सर उल्टी आने जैसी स्थिति रहती है।
पीलिया
लीवर खराब होने पर पीलिया हो सकता है। यह ऐसी स्थिति है जिसमें आंख के सफेद हिस्से का रंग पीला हो जाता है। साथ ही त्वचा का रंग भी पीला पड़ने लगता है। यूरीन यानी पेशाब भी पीला और कई बार गहरा पीला होता है। शरीर में मौजूद रक्त में विषाक्त पदार्थ ज्यादा इकठ्ठे हो जाते हैं। लीवर लाल रक्त कोशिकाओं यानी आरबीसी को साफ नहीं कर पा रहा। इससे बिलीरुबिन बनता है। यह एक तरह का वर्णक होता है और स्वस्थ्य लीवर बिलीरुबीन को एब्जार्ब यानी अवशोषित कर लेता है तथा इसे पित्त में बदल देता है। यही पित्त पाचन प्रक्रिया में हिस्सा लेता है और बाकी को मल के रास्ते बाहर कर देता है।
यादाश्त पर असर, भ्रम सी स्थिति
लीवर खून से विषाक्त पदार्थों को बाहर करता है। यानी आरबीसी का फिल्टर करता है। अगर ऐसा नहीं हो तब शरीर के दूसरे जरूरी काम ठीक ढंग से नहीं हो पाते। शरीर में यदि विषाक्त पदार्थ ज्यादा हो जाएंगे तो मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ेगा। एकाग्रता की कमी होगी। भ्रम सी स्थिति बनी रहेगी। यादाश्ता कमजोर होगी।
चोट जल्दी ठीक नहीं होना
यदि आपको बार-बार चोट लग रही है और घाव जल्दी ठीक नहीं हो रहे हैं, तो डॉक्टर से मिल लीजिए। इसका मतलब है आपके लीवर की कार्यप्रणाली बिगड़ी हुई है। चोट लगने के बाद खून बहना या चोट लगने पर खून का थक्का जमना जरूरी विशिष्ट प्रोटीन की कमी की वजह से हो सकता है। यह प्रोटीन लीवर ही बनाता है। कुछ मामलों में खून की उल्टी भी होती है या फिर उनके मल में खून आता है।