सार
मुंह में छाले होना एक आम समस्या है। हर किसी को ये छाले हो जाते हैं। कुछ घरेलू उपाय अपना कर इनसे बचा जा सकता है।
हेल्थ डेस्क। मुंह में छाले हो जाना एक आमफहम बीमारी है। हर आदमी को कभी न कभी ये छाले जरूर होते हैं। कई बार ये छाले अपने आप खत्म हो जाते हैं, पर कई बार लंबे समय तक बने रहते हैं और बहुत तकलीफ देते हैं। ऐसे में दवाई लेना जरूरी हो जाता है। कुछ लोगों को मुंह के छाले बहुत जल्दी-जल्दी होते हैं। छाले हो जाने पर कुछ भी खाना मुश्किल हो जाता है। खासकर, नमकीन और मसाले वाली चीजें तो एकदम नहीं खाई जातीं। ये छाले किसी न किसी संक्रमण की वजह से होते हैं। कई बार विटामिन बी कॉम्पलेक्स की कमी के चलते भी मुंह में छाले हो जाते हैं। ये विटामिन बी कॉम्पलेक्स के कैप्सूल खाने से ठीक हो जाते हैं। पर वाइरस के संक्रमण के चलते होने वाले छाले जल्दी नहीं ठीक होते। छाले की समस्या होने पर कुछ घरेलू उपाय अपना कर भी इनसे राहत पाई जा सकती है। जानते हैं घरेलू उपायों के बारे में।
1. नारियल का तेल
छाले होने पर वहां नारियल का तेल लगाने से राहत मिलती है। नारियल का तेल माइक्रोब्स को खत्म करने में कारगर पाया गया है। इसके अलावा, यह इन्फेक्शन को फैलने से रोकता है और दर्द-जलन में भी राहत देता है। प्रभावित हिस्से पर रूई के फाहे से नारियल तेल दिन में तीन-चार बार लगाना चाहिए।
2. शहद
मुंह के छाले में शहद भी बहुत फायदेमंद होता है। शहद सूजन और जलन को कम करता है। जहां छाले हों, वहां शहद लगा कर कुछ देर तक छोड़ देना चाहिए और बाद में कुल्ला कर लेना चाहिए। दिन में दो-तीन बार शहद का इस्तेमाल करने से राहत मिलती है।
3. अदरक
छाले होने पर अदरक काफी फायदा करता है। अदरक के रस को छालों पर लगाना चाहिए। यह बैक्टीरिया को मार देता है। अदरक घाव को भी सुखाता है। छाले होने पर अदरक का रस पानी में डाल कर पी सकते हैं या ऐसे भी अदरक के छोटे टुकड़े को चबा सकते हैं। इससे राहत मिलेगी।
4. लहसुन का पेस्ट
छाले होने पर लहसुन का पेस्ट लगाने से भी काफी फायदा होता है। लहसुन का थोड़ा-सा पेस्ट तैयार कर लें और उसे छालों पर लगाएं। इसमें एंटी-बायोटिक गुण होते हैं, जिनसे छाले सूख जाते हैं। दिन में दो बार छालों पर लहसुन का पेस्ट लगाना काफी है।
5. हल्दी के पानी से करें कुल्ला
हल्दी बहुत ही गुणकारी मसाला है। छाले हो जाने पर एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच हल्दी का पाउडर मिला कर कुल्ला करें। हल्दी में एंटी-सेप्टिक गुण होते हैं। हल्दी के पानी से दिन में दो-तीन बार कुल्ला करने पर छालों का दर्द कम होता है और वे सूखने लगते हैं।