सार
Liver Disease: लिवर शरीर का एक अहम अंग होता है जिसका काम मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा जमा करना और शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करना होता है। इसके खराब होने की वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि इसके संकेतों को पहचान कर तुरंत उपचार कराएं।
हेल्थ डेस्क. लिवर यानी यकृत पित्त के रूप में जाने जाने वाले पदार्थ को उत्सर्जितक रता है। अधिकांश ब्लड केमिकल्स के लेबल को नियंत्रित करता है। यह अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। लिवर आंतों और पेट से निकलने वाले सभी बल्ड को लेता है। यह ब्लड लिवर से संसाधित होता है, जो टूटता भी हैं , संतुलित होता है और पोषक तत्वों का उत्पादन करता है। यह शरीर द्वारा उन्हें अधिक आसानी से अवशोषित करने या गैर विषैले बनाने के लिए दवाओं का चयापय भी करता है। लिवर की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह 500 से अधिक आश्यक एक्टिविटी के लिए जाना जाता है। जिससे यह साफ हो जाता है कि एक अच्छी जिंदगी जीने के लिए लिवर का हेल्दी होना जरूरी है।
हालांकि कई कारक है जो लिवर के खराब होने का कारण बन सकते हैं। कई बीमारियों की तरह ही खराब लिवर के कई संकेत या लक्षण दिखते हैं। तो आइए बताते हैं वो 7 संकेत जिसके जरिए पता लगा सकते हैं कि लिवर हेल्दी है या नहीं।
1. मल का रंग पीला होना
पित्त लवण जो लिवर आमतौर पर स्त्रावित करता है, वो मल को अपना काला रंग देता है। अगर मल पीला या फिर पेशाब पिला होता है तो यह समस्या की तरफ इशारा करता है।इसके साथ ही ब्लड डाइजेशन ट्रैक से बहने के कारण काला,टेरी मल हो सकात है। जो गंभीर लिवर बीमारी में हो सकता है। इसलिए तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
2.शरीर पर मकड़ी के पैरों की तरह चकत्ता निकल आना
शरीर के हिस्से पर अगर मकड़ी के पैरों की तरह चकत्ता दिखाई देने लगे। तो यह भी संकेत लिवर की बीमारी से जुड़ी हो सकती हैं। ये अक्सर स्वस्थ्य महिलाओं में दिखाई दे सकते हैं। लेकिन अगर वे शरीर के ऊपरी हिस्से में या पुरुषों में ऐसा अधिक बार दिखाई दें तो यह लिवर की बीमारी का संकेत हो सकता है।
3.गहरे रंग का मूत्र
डार्क ऑरेंज, एम्बर, या ब्राउन यूरिन लिवर की बीमारी का संकेत दे सकता है। रंग बहुत अधिक बिलीरुबिन जमा होने का परिणाम है क्योंकि लिवर आमतौर पर इसे तोड़ नहीं रहा है। यदि आपको गहरे रंग का मूत्र दिखाई देता है, तो तुरंत डॉक्टर से बात करना आवश्यक है।
4.थकान और भ्रम की स्थिति पैदा होना
इसकी एटिओलॉजी के रूप में थकावट को लिवर की बिगड़ा हुआ चयापचय प्रक्रिया से जोड़ा जा सकता है। विषाक्त पदार्थ जो रक्त में जमा हो जाते हैं और लिवर रोग के कारण मस्तिष्क तक पहुंच सकते हैं और इसके काम को बाधित कर सकते हैं जिसकी वजह से भ्रम की स्थिति, चक्कर आना या भी खराब स्मृति का कारण बन सकते हैं।
5. पीली आंखें
चूंकि इसे ठीक से संभाला नहीं जा सकता है, पित्त वर्णक ( bile pigment) बिलीरुबिन (bilirubin ) ब्लड में बनता है और पीलिया का कारण बनता है। इसी वजह से त्वचा में खुजली भी हो सकती है। यह स्थिति अक्सर आंखों में या त्वचा पर पीले-ईश टोन की ओर ले जाती है।
6. पाचन संबंधी समस्याएं
विषाक्त पदार्थों के संचय से आंतों में परेशानी होती है, जो मतली और उल्टी को ट्रिगर करती है। खराब लिवर के परिणामस्वरूप भूख कम हो सकती है क्योंकि पाचन तंत्र के नियमन में लिवर अहम होता है।
लिवर रोगों के कारण
लंबे समय से शराब का सेवन करना लिवर रोग होने का प्रमुख कारण माना जाता है। हालांकि, इसके अलावा भी कई ऐसी चीजें हैं जो लिवर रोगों का कारण बन सकती हैं। जैसे-
- धूम्रपान करना
- डायबिटीज
- आहार में अधिक नमक लेना
- अधिक सप्लीमेंट्स लेना
- ज्यादा दवाएं लेना
- मोटापा बढ़ना
- संक्रमण व अन्य बीमारियां
- कीमोथेरेपी (कैंसर के इलाज के लिए)
लिवर रोग से बचाव
लिवर से जुड़े कुछ रोग अनुवांशिक स्थितियों के कारण भी होते हैं। जिन्हें रोकना पूरी तरह संभव नहीं होता है। लेकिन जीवनशैली व अन्य कारणों से होने वाले लिवर रोगों से बचाव किया जा सकता है।
- शराब का सेवन न करें
- पर्याप्त और साफ पानी पीना
- पूरी तरह से पका हुआ खाना ही खाएं
- नियमित रूप से व्यायाम करें और वजन को कंट्रोल करें
- हेपेटाइटिस एलर्जी और बी के लिए वैक्सीन लगवाएं
- डॉक्टर की सलाह पर मेडिसिन का इस्तेमाल करें
- कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखें
- डायबिटीज को कंट्रोल रखें
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