सार

जल्द ही पुरुष भी महिलाओं की तरह गर्भनिरोधक गोलियां खाकर अनचाहे गर्भ को रोकने में मदद कर सकेंगे। नई स्टडी में इसका खुलासा हुआ है। सेहत को बिना नुकसान पहुंचाए ये गर्भनिरोधक गोलियां काम करेगी। 
 

हेल्थ डेस्क. अनचाही प्रेग्नेंसी के डर से कपल सेक्स लाइफ को एन्जॉय नहीं कर पाते हैं। हालांकि प्रेग्नेंसी रोकने के लिए कई तरह की चीजें बाजार में उपलब्ध हैं। इनमें एक और चीज जुड़ने जा रही है। जी हां, महिलाओं की तरह पुरुषों के लिए भी गर्भनिरोधक गोलियां बनाई गई हैं। यह बिना सेहत को नुकसान पहुंचा काम करेगी। स्टडी में खुलासा हुआ है कि पुरुष गर्भनिरोधक गोलियां (Male contraceptive pills) टेस्टोस्टेरोन लेवल और स्पर्म की संख्या को कम कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह स्टडी अटलांटा में एंडोक्राइन सोसाइटी की एनुअल मीटिंग में पेश की जाएगी।

हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो टेस्टोस्टेरोन लेवल को कम करने वाली दवाओं के कई नुकसान होते हैं। लेकिन इससे सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। DMAU और 11b-MNTDC नाम की दो दवाएं प्रोजेस्टोजेनिक एण्ड्रोजन दवाओं का हिस्सा हैं। ये दवाएं भी टेस्टोस्टेरोन को कम करती है लेकिन इससे कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। यह टेस्टोस्टेरोन को कम कर देता है जिसकी वजह से स्पर्म काउंट में कमी आ जाती है। रिसर्च में इन दवाओं का सफल प्रयोग किया गया। 

परिवार नियोजन में होगा मददगार

यूनिस कैनेडी श्राइवर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमन डेवलपमेंट में गर्भनिरोधक विकास कार्यक्रम के प्रमुख शोधकर्ता तामार जैकबसन ने बताया कि पुरुष गर्भनिरोधक के विकल्प में बाजार में अभी कंडोम और नसबंदी ही है। जो कि महिलाओं के विकल्प की तुलना में बेहद कम है। अगर पुरुषों के लिए भी गर्भनिरोधक दवा मार्केट में आती है तो परिवार नियोजन में यह भी मददगार साबित हो सकते हैं।

दो चरण में पूरा किया गया शोध 

इस रिसर्च को दो चरण में पूरा किया गया। इस क्लीनिकल ट्रायल में 96 हेल्दी पुरुष को शामिल किया गया। शोध के दौरान पुरुषों को 28 दिनों के लिए रोजाना दो या चार ओरल दवा या प्लेसबो लेनी थी। सात दिन के बाद देखा गया कि पुरुषों का टेस्टोस्टेरोन का लेवल सामान्य सीमा से नीचे चला गया था। वहीं प्लेसबो लेने वाले पुरुषों का टेस्टोस्टेरोन का लेवल सामान्य सीमा के भीतर था। 

75 प्रतिशत आदमी ने कहा वो इस गोली का आगे भी करना चाहेंगे इस्तेमाल

शोध में पाया गया कि दवा लेने वाले ज्यादार यानी 75 प्रतिशत आदमी ने कहा कि वे आगे भी इसका इस्तेमाल करना चाहेंगे। जबकि प्लेसबो लेने वाले 46.7 प्रतिशत लोगों ने उसे आगे लेने की इच्छा जताई।  जिन पुरुषों ने रोजाना 4 गोली ली उनमें दो गोली लेने वाले पुरुषों की तुलना में टेस्टोस्टेरोन लेवल कम था। इस पर आगे भी ट्रायल जारी रहेगा बाद में पुरुष गर्भनिरोध गोलियों को बाजार में उतारा जाएगा ताकि फैमिली प्लानिंग में पुरुष महिलाओं की जिम्मेदारी को कम कर सकेंगे।

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