सार
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से गंभीर समस्या से जूझ रहे थे।
हेल्थ डेस्क: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता मुलायम सिंह यादव (mulayam singh yadav) का सोमवार, 10 अक्टूबर को गुरुग्राम के अस्पताल में निधन हो गया। वह पिछले महीने 26 सितंबर से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। जहां उनकी तबीयत में लंबे समय से सुधार नहीं हो रहा था। 82 वर्षीय मुलायम सिंह यादव ने जिंदगी की लंबी जंग लड़ी। लेकिन आखिरकार उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। बताया जा रहा है कि 2 अक्टूबर को उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया था। उसके बाद से उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। मुलायम सिंह यादव पिछले 2 सालों से बीमार थे। आइए हम आपको बताते हैं कि मुलायम सिंह यादव को कौन सी बीमारी थी...
किडनी इन्फेक्शन
मुलायम सिंह यादव को किडनी संक्रमण के कारण ही मेंदाता अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। किडनी इन्फेक्शन एक प्रकार का यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) है। जिसमें पेशाब के शरीर से मूत्राशय में ले जाने वाली ट्यूब में गुर्दे का संक्रमण शुरू हो सकता है। संक्रमण एक या दोनों किडनी तक जा सकता है। गुर्दे के संक्रमण को पायलोनेफ्राइटिस भी कहा जाता है। डॉक्टरों ने बताया था कि मुलायम सिंह यादव के फेफड़े और किडनी उनका साथ नहीं दे रहे थे।
यूरिन इन्फेक्शन
किडनी इन्फेक्शन यूरिन से जुड़ा होता है। नेताजी भी पिछले कुछ समय से यूरिन दिक्कत से गुजर रहे थे। यह यूरिनरी सिस्टम के किसी भी हिस्से में हो सकता है। जिसमें मूत्र प्रणाली में गुर्दे, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग शामिल हैं। अधिकांश संक्रमणों में मूत्राशय और मूत्रमार्ग शामिल होता है।
सांस लेने में दिक्कत
सांस लेने में दिक्कत के चलते ही मुलायम सिंह यादव को वेंटीलेटर और CRRT मशीन के सपोर्ट पर रखा गया था। सांस की तकलीफ के सामान्य कारण फेफड़ों की समस्याएं, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), हृदय की समस्याएं आदि होता है। कई बार बढ़ती उम्र में भी सांस लेने की दिक्कत होने लगती है।
हाइपोक्सिया
हाइपोक्सिया खून में ऑक्सीजन का लेवल कम होना ही है। इससे सिरदर्द, सांस लेने में कठिनाई, तेजी से हृदय गति और त्वचा का नीला पड़ना जैसे लक्षण हो सकते है। हृदय और फेफड़ों की कई स्थितियां आपको हाइपोक्सिया के जोखिम में डाल देती हैं। हाइपोक्सिया जानलेवा हो सकता है। ऑक्सीजन लेवल कम होने के चलते ही मुलायम सिंह यादव को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था।
लो ब्लड प्रेशर
बताया जा रहा था कि मुलायम सिंह यादव का ब्लड-प्रेशर भी अस्थिर था। उनका बीपी बार-बार लो हो रहा था। जिसके चलते उनके शरीर में ठीक तरह से खून की सप्लाई नहीं हो पा रही थी। बता दें कि ब्लड प्रेशर की रीडिंग दो संख्याओं के रूप में प्रकट होती है। दोनों में से पहला हाई सिस्टोलिक दबाव का एक माप है, या धमनियों में दबाव जब दिल धड़कता है और उन्हें खून से भर देता है। दूसरी रीडिंग डायस्टोलिक दबाव, या धमनियों में दबाव को मापती है जब हृदय धड़कन के बीच आराम करता है। सामान्य रक्तचाप 120/80 (सिस्टोलिक / डायस्टोलिक) होता है।
इसे भी पढ़ें नहीं रहे मुलायम सिंह यादव, समाजवाद के एक युग का अंत, PM मोदी ने किया tweet-एक विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे
बचपन से राजनीति में आने तक का सफर, इस फिल्म के जरिए जानिए मुलायम सिंह यादव की जिंदगी से जुड़ा हर पहलू