सार
सियोल(SEOUL) में शनिवार देर रात हैलोवीन उत्सव के दौरान मची भगदड़ के दौरान 149 लोगों की मौत की खबर दुनियाभर के मीडिया में चर्चा में है। लेकिन इससे जुड़े एक फैक्ट ने मेडिकल साइंस से जुड़े एक्सपर्ट को चौंका दिया है। भगदड़ के दौरान घबराने से लोगों को कार्डियक अरेस्ट(दिल का दौरा) पड़ा।
वर्ल्ड न्यूज डेस्क. सियोल(SEOUL) में शनिवार देर रात हैलोवीन उत्सव के दौरान मची भगदड़ के दौरान 150 से अधिक लोगों की मौत की खबर दुनियाभर के मीडिया में चर्चा में है। लेकिन इससे जुड़े एक फैक्ट ने मेडिकल साइंस से जुड़े एक्सपर्ट को चौंका दिया है। भगदड़ के दौरान घबराने से लोगों को कार्डियक अरेस्ट(दिल का दौरा) पड़ा। प्रभावित आयु वर्ग के पीड़ितों की उम्र 20 वर्ष है। इस मामले के बाद सोशल मीडिया पर #CardiacArrest ट्रेंड में है। आइए जानते हैं, पूरी डिटेल्स...
दुनियाभर में बढ़ रहीं दिल की बीमारियों से मौतें
पहले अगर सिर्फ भारत की बात करें, तो हमाारे यहां मौत का प्रमुख कारण अचानक से कार्डियक अरेस्ट(sudden cardiac arrest), जिसे SCA कहते हैं, जो युवाओं सहित किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकता है। प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञों के मुताबिक, SCA होने के लिए दुनिया में कहीं और की तुलना में भारत में औसत आयु बहुत कम है। यानी यहां खतरा अधिक है। इसके पीछे बेतरतीब जीवनशैली और एनवायरनमेंटल फैक्टर्स प्रमुख हैं। भारत में कार्डियक अरेस्ट के मामलों में चौंकाने वाली वृद्धि हुई है, विशेष रूप से यूथ ग्रुप में। अनुमानों के अनुसार, सालाना SCA से मृत्यु के 7 लाख से अधिक मामले सामने आते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, रोकथाम और उपचार के माध्यम से 86 प्रतिशत हृदय संबंधी मौतों को रोका या टाला जा सकता था। एक्सपर्ट सुझाव देते हैं कि SCA से बचने के लिए लोगों को काम के बीच एक ब्रेक लेना चाहिए। दौड़ने, जॉगिंग या टहलने के लिए जाना चाहिए। बच्चों और युवाओं को भी इसी पर अमल करना चाहिए। हर दिन कम से कम 40 मिनट एक्सरसाइज की आदत डालें, क्योंकि यह उनके दिल और ओवरऑल हेल्थ के लिए अच्छा है।
WHO की डिटेल्स पढ़ें
WHO की वेबसाइट के अनुसार, हृदय रोग (Cardiovascular diseases-CVDs) विश्व स्तर पर मौत का प्रमुख कारण हैं। 2019 में CVDs से अनुमानित 17.9 मिलियन लोगों की मौत हुई थी, जो सभी वैश्विक मौतों का 32% है। इनमें से 85 फीसदी मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक के कारण हुईं। CVDs से होने वाली मौतों के तीन चौथाई से अधिक लो और मिडिल इनकम वाले देशों में होती हैं। 2019 में गैर-संचारी रोगों( noncommunicable diseases यानी से एक-दूसरे से नहीं फैलतीं) के कारण 17 मिलियन अकाल मृत्यु (70 वर्ष से कम आयु) में से, 38% CVDs के कारण हुईं।
तंबाकू के उपयोग, अनहेल्दी फूड और मोटापा, फिजिकल एक्टिव न होना और शराब के हानिकारक उपयोग जैसे व्यवहार संबंधी रिस्क फैक्टर पर ध्यान देकर हृदय रोगों(cardiovascular diseases) से बचा जा सकता है।
आखिर ये हृदय रोग क्या हैं?
हृदय रोग (CVDs) हार्ट और रक्त वाहिकाओं(blood vessels) में होने वाली हेल्थ संबंधी समस्याओं का एक ग्रुप है। जैसे-
कोरोनरी हृदय रोग(a disease of the blood vessels supplying the)-हृदय की मांसपेशियों की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं की बीमारी
सेरेब्रोवास्कुलर रोग(Cerebrovascular disease)-मस्तिष्क की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं की बीमारी
परिधीय धमनी रोग(peripheral arterial disease)-हाथ और पैर की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं की बीमारी
आमवाती हृदय रोग(rheumatic heart disease) - स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया के कारण आमवाती बुखार से हृदय की मांसपेशियों और हृदय के वाल्वों को नुकसान
जन्मजात हृदय रोग(congenital heart disease) - जन्म दोष जो जन्म से हृदय संरचना की विकृतियों के कारण हृदय के सामान्य विकास और कार्य को प्रभावित करते हैं
डीप वेन थ्रॉम्बोसिस और पल्मोनरी एम्बोलिज्म(deep vein thrombosis and pulmonary embolism) - पैर की नसों में रक्त के थक्के, जो वहां से हटकर हृदय और फेफड़ों में जा सकते हैं
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WHO के अनुसार, दिल के दौरे और स्ट्रोक आमतौर पर तीव्र घटनाएं होती हैं, जो मुख्य रूप से ब्लड को हृदय या मस्तिष्क में बहने से रोकती हैं। इसका सबसे आम कारण हृदय या मस्तिष्क की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं की भीतरी दीवारों पर वसायुक्त जमा का निर्माण है। मस्तिष्क में रक्त वाहिका से या रक्त के थक्कों से रक्तस्राव के कारण स्ट्रोक हो सकता है।
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