सार
मां के गर्भ में ही बच्चे को स्वाद का पता चलने लगता है। कुछ लोग इसे सच मानते हैं तो कुछ लोग इसे मिथक। लेकिन सच क्या है इसका खुलासा एक स्टडी में हुआ है। ब्रिटेन में की गई एक स्टडी में अजन्मे बच्चे के चेहरे के हावभाव से पता लगाया गया कि क्या उन्हें स्वाद का पता चलता है।
हेल्थ डेस्क. प्रेग्नेंट महिलाएं बताती हैं कि उन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान उन चीजों की तलब होती है जिसे वो पसंद नहीं करती। कुछ महिलाएं कहती हैं कि जब वो गर्भवती थी तब उन्हें मीठा खाना बहुत पसंद था। जबकि उन्हें ऐसे कभी मीठा खाना पसंद नहीं रहा। कुछ महिलाओं ने तीखा और खट्टा खाने को लेकर भी यही बात कही। ऐसा कहा जाता है कि बच्चे गर्भ में स्वाद लेते हैं और उन्हीं की डिमांड पर महिलाओं को खट्टा-मीठा खाने की तलब होती है। तो सवाल है कि क्या ये सच हैं।
दरअसल, गर्भ में पल रहे बच्चे को स्वाद का एहसास होता है और सुगंध लेने की क्षमता होती है, ये कोई मिथक नहीं बल्कि सच हैं। यह बात एक स्टडी में निकल कर सामने आई है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ़ डरहम और ऐस्टन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बताया कि मां जो भी खाती है उस पर गर्भ में पल रहा बच्चा भी रिएक्शन देता है। यानी वो स्वाद लेता है।
32 से 36 हफ्ते की गर्भवती महिलाओं को शोध में किया गया शामिल
इस यूनिवर्सिटी ने 100 गर्भवती महिलाओं पर शोध किया। 32 से 36 हफ्ते की गर्भवती महिलाओं को खाने की कैप्सूल दी गई। इस दौरान बच्चे के रिएक्शन को नोट किया गया। शोधकर्ता बेयजा उस्तुन प्रेग्नेंट महिलाओं को पत्तेदार हरी सब्जी और गाजर और गोभी की एक-एक कैप्सूल दी। कैप्सूल देने से पहले बच्चे के चेहरे का अध्ययन किया गया। उनकी तस्वीरें ली गई। इसके बाद जब गर्भवती महिलाओं ने कैप्सूल खाया उसके बाद बच्चे के रिएक्शन को नोट किया गया।
गाजर का स्वाद चख गर्भ में बच्चा हंसने लगा
एक मां ने जब गाजर का कैप्सूल खाया तो बच्चे का रिएक्शन बहुत प्यारा आया। जब बच्चे तक गाजर के कैप्सूल का स्वाद पहुंचा तो उसका रिएक्शन हंसने वाला था। तस्वीर में बच्चे के पहले और गाजर का स्वाद मिलने के बाद का रिएक्शन देख सकते हैं।
हरी पत्तेदार सब्जी का टेस्ट लेकर बच्चा लगा रोने
लेकिन जब मां को पत्तेदार हरी सब्ज़ी की कैप्सूल दी गई, तो बच्चे ने 'रोने का चेहरा' बना कर प्रतिक्रिया दी। इसे भी नीचे तस्वीर में देख सकते हैं। शोध को नेतृत्व करने वाले शोधकर्ता बेयजा ने बताया कि स्कैन के दौरान केला और गाजर देने के बाद गर्भ में पल रहे इन बच्चों का रिएक्शन देखना अद्भूत था और पैरेंट्स के साथ उन पलों को शेयर करना भी।
गर्भ में ही बच्चे का स्वाद ौर सुगंध सेंस विकसित हो जाता है
दरअसल, गर्भवती महिला में एम्निओटिक फ्लुइड होता है जिसमें बच्चा तैरता है। जब मां कुछ खाती है तो गर्भ में पल रहा बच्चा एम्निओटिक फ्लुइड के जरिए अलग-अलग फ्लेवर को टेस्ट कर पाता है। इसके साथ इस शोध में यह भी बताया गया कि मां जो भी खाती है उसका ना सिर्फ टेस्ट बल्कि बच्चे तक सुंगध भी पहुंचता है।
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