सार
हर्निया पुरुषों और महिलाओं दोनों को अपनी चपेट में ले सकता है। हर्निया की स्थिति में व्यक्ति के शरीर का कोई हिस्सा उभर कर लटकने लगता है। इस दौरान पीड़ित को काफी दर्द का सामना करना पड़ता है।
हेल्थ डेस्क. कई लोगों को लगता है कि हर्निया पुरुषों में ज्यादा होता है। यह सोचना गलत है। हर्निया पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करता है। लेकिन ग्रोइन हर्निया (Groin hernia) महिलाओं को ज्यादा अपने जद में लेता है। बता दें कि ग्रोइन हमारे पेट के निचले हिस्से (पेडू) और जांघ के बीच का भाग होता है। महिलाओं में ग्रोइन हार्निया तब होता है जब ग्रोइन एरिया में नरम ऊतक (सॉफ्ट टिश्यू) फैल जाता है। जिससे उस क्षेत्र में उभार और दर्द होने लगता है। इस अवस्था में तत्काल इलाज की जरूरत होती है। (फोटो साभार: https://www.freepik.com/premium-photo/abdominal-pain-woman-photo)
महिलाओं में ग्रोइन हर्निया होने की कई वजह है। जिसमें मोटापा, भारी वजन उठाना, पुरानी खांसी, पुरानी कब्ज और कई गर्भधारण करना शामिल है। इसका कारण जेनेटिक भी हो सकता है।
महिलाओं में कई प्रकार के ग्रोइन हर्निया देखे जाते हैं-
अप्रत्यक्ष वंक्षण हर्निया (Indirect inguinal hernia) यह आमतौर पर महिलाओं में देखने को मिलता है। प्रत्यक्ष वंक्षण हर्निया ( direct inguinal hernia) और ऊरु हर्निया जो कमर के नीचे होता है पुरुषों की तुलना में यह महिलाओं में आम होता है। कई महिलाएं हार्निया से पीड़ित होत हैं लेकिन जागरूकता की कमी की वजह से इलाज नहीं कराती हैं।
लक्षण और उपचार
ग्रोइन हर्निया में लक्षण सामने आते हैं। लेकिन कुछ मामलों में निचले पेट और कमर में दर्द या जलन हो सकता है। ज्यादा लक्षण सामने नहीं आने की वजह से उपचार में देरी होती है। लेकिन भारी वजन उठाने, खांसने, छींकने और खड़े होने या बहुत देर तक बैठने से दर्द या बेचैनी बढ़ सकती है।
ट्रीटमेंट
कई लोगों को लगता है कि हर्निया लाइलाज बीमारी है। लेकिन इसका इलाज संभव है। कुछ केस में तो होम्योपैथिक इलाज फायदेमंद माना जाता है। लेकिन कुछ केसेज में सर्जरी की जरूरत होती है। महिलाओं को ग्रोइन हर्निया को इग्नोर नहीं करना चाहिए। सर्जरी से इसे ठीक किया जा सकता है। लेप्रोस्कोपी या फिर रोबोट तकनीकों के जरिए तुरंत इसका इलाज किया जा सकता है। इससे दर्द से राहत भी मिलेगी और कई परेशानी से बचने में मदद भी मिलेगी।
बीमारी से दूर रहने के लिए लाइफस्टाइल में करें बदलाव
आमतौर पर हर्निया अस्त व्यस्थ लाइफस्टाइल की वजह से भी होता है। जीवन शैली में बदलाव, खान-पान में बदलाव करके इससे दूर रहा जा सकता है। वजन को नियंत्रित रखना इस बीमारी को खुद से दूर रखने के लिए बहुत जरूरी है।
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