सार
14 जून को हर साल विश्व रक्तदाता दिवस (World blood donor day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को ब्लड डोनेशन के प्रति जागरूक करना है ताकि वो ज्यादा से ज्यादा लोगों की जिंदगी बचाने के लिए रक्तदान के लिए आगे आएं।
World blood donor day 2022: हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस (World blood donor day) मनाया जाता है। पहला वर्ल्ड ब्लड डोनर डे 2004 में मनाया गया था। इसे मनाने का मकसद लोगों को ब्लड डोनेशन के बारे में जागरूक करना है ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा लोगों की जिंदगी बचाने के लिए ब्लड डोनेट कर सकें। बता दें कि ब्लड डोनेट करने के एक नहीं बल्कि कई फायदे हैं। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्त दान कर किसी दूसरे शख्स की जिंदगी बचाने में अहम योगदान दे सकता है।
सालभर में कितनी बार करें ब्लड डोनेशन?
जब हम ब्लड डोनेट करते हैं तो उस दौरान करीब एक यूनिट खून निकाला जाता है। यह खून अगले 24 घंटे में रिकवर हो जाता है, लेकिन आरबीसी (Red Blood Cell) को होने में करीब 3 महीने का समय लगता है। इसलिए एक बार ब्लड डोनेट करने के कम से कम 3 महीने बाद ही दोबारा रक्तदान करना चाहिए। इस तरह एक साल में कोई स्वस्थ आदमी तीन महीने के अंतराल में अधिकतम 4 बार ब्लड डोनेट कर सकता है।
ब्लड डोनेट करने की शर्तें :
- ब्लड डोनेट करने वाला शख्स पूरी तरह स्वस्थ होना चाहिए। उसे किसी भी तरह की कोई बीमारी ना हो।
- 17 साल से कम उम्र का शख्स ब्लड डोनेट नहीं कर सकता। इसके साथ ही उसका वजन कम से कम 45 किलो होना चाहिए। अगर वजन इससे कम है तो उसका खून नहीं लिया जा सकता।
- 18 से 60 साल की उम्र का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। इसके लिए जरूरी है कि उसे कोई बीमारी ना हो। इसके अलावा अगर वो कोई दवाई खा रहा है तो भी ब्लड डोनेट करने से बचे।
ब्लड डोनेशन से होने वाले फायदे :
1- ब्लड डोनेशन दिल की बीमारियों के साथ ही स्ट्रोक के खतरे को कम करता है। नियमित रूप से ब्लड डोनेट करने से खून में आयरन की अतिरिक्त मात्रा कंट्रोल में रहती है, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा नहीं रहता है।
2- ब्लड डोनेट करने के बाद हमारा शरीर फौरन उसकी रिकवरी में लग जाता है। इसकी वजह से हमारे शरीर की कोशिकाएं ज्यादा से ज्यादा रेड ब्लड सेल्स (RBC) को बनाने में लग जाती हैं, जो कि हमारी सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं।
3- ब्लड डोनेशन से हमें वजन को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वजन घटाने के लिए हम रक्तदान करें। यह केवल वजन को कंट्रोल करने का एक जरिया है, बल्कि कोई डाइट प्लान नहीं है।
4- रेगुलर ब्लड डोनेशन से हमारे शरीर में आयरन की अधिकता नहीं होती। यह कई तरह के कैंसर के खतरे को भी कम करता है। इसके अलावा रक्तदान से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
5- ब्लड डोनेशन से पहले खून के साथ ही और कई जांच होती हैं। खून की जांच से हीमोग्लोबिन का पता लगाने के साथ ही दूसरे संक्रमण और बीमारियों का पता चल जाता है।
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