इस ऐतिहासिक उपलब्धि के मुख्य वास्तुकार भारत के हॉकी जादूगर और दुनिया के अब तक के सबसे महान हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद थे।
गामा पहलवान की एक दिन की खुराक इतनी थी कि कोई भी इस बात पर यकीन नहीं करेगा। कहा जाता है कि 6 मुर्गे, आधा किलो घी, बादाम और 10 लीटर दूध उनकी एक दिन की खुराक थी।
हॉकी के जादूगर ध्यान चंद ने दिखाया था कि भारतीय किसी मामले में अंग्रेजों से कम नहीं हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने तीन बार ओलंपिक गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। फाइनल में जर्मनी को हराने के बाद हिटलर ने ध्यान चंद को अपने देश की नागरिकता और जॉब का ऑफर दिया था।
बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय का जन्म पश्चिम बंगाल में हुआ था। वह कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से बीए करने वाले पहले भारतीय थे। उन्होंने वंदे मातरम् गीत लिखा था। यह गीत आजादी के लिए लड़ने वालों के दिलों में जोश भर देता था।
आजादी के अमृत महोत्सव की इस कड़ी में आज बात वंदे मातरम गीत के रचियता बंकिम चंद चट्टोपाध्याय की। जिनकी कलम ने राष्ट्र के सोए हुए स्वाभिमान को जगाने का काम किया
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में कई यूरोपीय लोगों का भी बड़ा योगदान है। उन्हीं में से एक थे बेंजामिन हार्निमैन (Benjamin Guy Horniman) जिन्होंने लंदन में रहकर भारतीयों के लिए काम किया।
सदगुरु (Sadhguru) ने BMW K1600 49GT बाइक का प्रयोग यूरोपियन टूर पर किया है। हालांकि भारत सहित दुनिया के अन्य देशों की यात्रा के लिए वे अलग-अलग बाइक चलाते हैं।
कई यूरोपीय हैं जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए समर्थन और कष्ट सहे। इन लोगों ने साबित कर दिया कि राष्ट्रवाद किसी देश या धर्म की संकीर्ण सीमाओं में बंधा नहीं है। उनमें से प्रमुख हैं प्रसिद्ध पत्रकार बेंजामिन गाइ हॉर्निमन।
मीरा बहन उन विदेशियों में प्रमुख नाम है जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। महात्मा गांधी की करीबी शिष्या, साथ में यात्रा करने वाली आंदोलन में कामरेड की भूमिका निभाने वाली मीरा भारत में 34 वर्षों तक रहीं।
इंग्लैंड में जन्म लेने वाली मेडेलीन स्लेड भारत की मीरा बहन कहलाईं। कौन थीं मीरा बहन गांधी के आदर्शों को कैसे अपनाया। आइये जानते हैं